चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा है कि उनकी सरकार छात्रों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और केंद्र सरकार के अन्य विवादास्पद कदमों के खिलाफ प्रदर्शन करने से नहीं रोकेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर शांति भंग नहीं होने दी जाएगी। सीएए के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में वामपंथी छात्र संघों द्वारा प्रस्तावित एक जनवरी के राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोध छात्रों सहित हर नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने विरोध जताने के लिए शांतिपूर्ण धरना और मार्च का समर्थन किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यहां तक कि उनकी सरकार केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार द्वारा लाए गए कानून के खिलाफ है, जो विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण प्रकृति का है।
लुधियाना में सोमवार को कांग्रेस द्वारा आयोजित सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान उन्होंने किसी भी परिस्थिति में राज्य में विवादास्पद कानून को लागू नहीं होने देने के अपनी सरकार के फैसले को दोहराया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के इन कदमों के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन पर रोक लगाने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक प्रदर्शनकारियों ने कानून को अपने हाथ में नहीं लिया, तब तक पुलिस उन्हें अपने प्रस्तावित अभियान को आगे बढ़ाने से नहीं रोक सकेगी।
मुख्यमंत्री ने हालांकि चेतावनी दी कि योजनाबद्ध विरोध के दौरान किसी भी तरह की हिंसा या सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट नहीं किया जा सकता।अमरिंदर सिंह ने छात्र नेताओं से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि प्रस्तावित विरोध शांतिपूर्वक संपन्न हो और प्रदर्शनकारियों के बीच असामाजिक या गुंडा तत्वों की संभावित घुसपैठ पर भी निगरानी रखें।
--आईएएनएस
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