चंडीगढ़। जल स्रोत मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज जल स्रोत और खनन एवं भू-विज्ञान विभागों के समूह अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग के दौरान निगरानी प्रणाली की और ज्यादा मज़बूती, सम्पतियों को नाजायज़ कब्ज़ों से बचाकर उनकी देखभाल और भूजल की बर्बादी रोकने की हिदायतें दीं।
मार्कफैड भवन के कमेटी रूम में मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए जौड़ामाजरा ने जहाँ विकास कामों में और ज़्यादा पारदर्शिता पर ज़ोर दिया, वहीं उन्होंने कहा कि विकास कामों समेत विभाग के उपकरणों की ख़रीद-फ़रोख़्त के समय गुणवत्ता में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जल स्रोत विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग के दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अधिकारी और पारदर्शिता एवं तेज़ी के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी विभाग की सम्पतियों को नाजायज़ कब्जों से मुक्त कराने और इन जायदादों की देखभाल के लिए प्रयास करें ताकि विभाग की आमदन में वृद्धि हो सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने महीने के अंदर-अंदर विभाग की सम्पतियों के बारे रिपोर्ट देने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी सम्पतियों पर कब्ज़े करने वाले किसी भी शख्स को बख़्शा नहीं जाएगा।
जल स्रोत मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को नहरी विभाग के खालों पर हुए नाजायज़ कब्ज़े हटाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रस्ताव तैयार करके रबी सीज़न के दौरान ज़मीनें खाली होने पर इन खालों को फिर से चलाएं।
जल स्रोत मंत्री ने कहा कि विभाग की खाली पड़ी ज़मीनों को पानी रिचार्ज करने के प्रोजेक्टों के लिए इस्तेमाल किया जाये। उन्होंने कहा कि अधिकारी जल स्रोतों की सफ़ाई के काम अधिक से अधिक मनरेगा के अधीन कराना यकीनी बनाएं।
मंत्री ने कहा कि नहरों, नदियाँ और खालों की सफ़ाई के कामों के लिए ठेकेदारों की ज़िम्मेदारी तय की जाए और अधिकारी ख़ुद मौके पर खड़े होकर इन कामों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि हाल ही में आए बाढ़ के दौरान ज़्यादा नुक्सान करने वाली कच्ची नदियों की लाइनिंग के प्रोजेक्टों समेत निचले पुलों को ऊपर उठाने के प्रोजैक्ट बनाऐ जाएँ ताकि पानी अवरूद्ध ना हो।
कैबिनेट मंत्री ने विशेष के तौर पर कहा कि रजबाहों में रूकावट आने और ज़रूरी स्थानों पर साईफन बनाने सम्बन्धी माँगों को ख़ास ध्यान दिया जाए। विभाग में पैंडिंग पड़े मामलों की सूची हफ्ते के अंदर-अंदर सौंपने की हिदायत करते हुए मामलों का समयबद्ध निपटारा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में विशेष के तौर पर केस पैंडिंग रखने का कारण बताया जाए। उन्होंने भविष्य में विकास कामों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की हिदायत भी की।
विभाग में कारगर निगरानी प्रणाली पर ज़ोर देते हुए जल स्रोत मंत्री ने कहा कि विभाग की कारगुज़ारी में और सुधार करने के लिए मोनिटरिंग सैल को मज़बूत किया जाए ताकि गुणवत्ता और पारदर्शिता यकीनी बनाई जा सके।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अधिकारी भूजल की बर्बादी रोकने के लिए नहरों के पानी का अधिक से अधिक प्रयोग करना यकीनी बनाएं। उन्होंने कहा कि नहरी पानी हर खेत और टेलों तक पहुँचाया जाए ताकि पंजाब में सिंचाई के लिए ट्यूबवैलों पर निर्भरता घटाई जा सके।
कैबिनेट मंत्री स. जौड़ामाजरा ने समूह अधिकारियों को फील्ड में जाने के सख़्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी किसान को जल स्रोत विभाग के पास से काम करवाते समय कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए और खेतों में पानी के लिए लगे मोघों का पूरा प्रयोग यकीनी बनाई जाए।
मीटिंग के दौरान विभाग के सचिव श्री कृष्ण कुमार ने विभाग की बनावट और गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि विभाग उनकी सोच को अमलीजामा पहनाने के लिए दिन-रात काम करेगा।
मीटिंग के दौरान विभाग के डायरैक्टर श्री अभिजीत कपलिश और चीफ़ इंजीनियर (खनन) स. हरदीप सिंह महिन्दीरत्ता ने विभाग की गतिविधियों सम्बन्धी व्यापक जानकारी दी। इस मौके पर सुपरडैंट इंजीनियर और समूह ज़िला माइनिंग अफ़सर मौजूद थे।
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