चंडीगढ़। पंजाब
के सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज यहां प्राथमिक सहकारी
कृषि सेवा सोसायटियों के सचिवों /प्रतिनिधियों की एक मीटिंग की अध्यक्षता
की। उन्होंने इन सोसायटियों को साल दर साल सहन करने पड़ रहे घाटे पर चिंता
प्रकट करते हुए कहा कि बीते वर्ष 3548 सोसायटियों में से 36 प्रतिशत घाटे
में चल रही थी और यह संख्या 31 मार्च, 2018 तक बढ़ कर 40 प्रतिशत तक हो
चुकी है। उन्होंने कहा कि इन सोसायटियों के बचाव और पुन: सृजना के लिए ठोस
कदम उठाए जाने चाहिए क्योंकि यह सोसायटियां राज्य की किसानी के विकास का
रास्ता सपाट करती हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस अवसर पर पंजाब राज्य सहकारी बैंक के
एम.डी. डॉ. एस.के. बातिश ने एक प्रस्तुति के द्वारा इन सोसायटियों के सुधार
और बचाव के लिए सुझाव देते हुए कहा कि जो कोई सोसायटियां चालू हालत में
नहीं हैं उनको साथ लगती सोसायटियों में मिला दिया जाये। उन्होंने आगे कहा
कि मौजूदा दौर में काम कर रही सोसायटियों की हालत उस स्तर की नही है कि वह
अपने अमले की लागत भी निकाल सके। उन्होंने सुझाव दिया कि सोसायटियों को
अपने क्षेत्र का दायरा बढ़ाते हुए विभिन्नता का मॉडल अपनाना चाहिए और कृषि
सेवा केंद्र, सब्ज़ी की दुकान, डीज़ल पंप, पशु ख़ुराक की मार्किटिंग आदि
क्षेत्रों में कोशिश करनी चाहिए। इस अवसर पर सोसायटियों के प्रतिनिधियों ने
गुजारिश की कि मार्कफेड द्वारा सोसायटियों को उपभोक्ता सामान और खादों पर
दिया जा रहा हिस्सा थोड़ा बढ़ाया जाना चाहिए।
स. रंधावा ने
तुरंत ही इसके हल के लिए एक कमेटी कायम की जिसमें पंजाब राज्य सहकारी बैंक
के एम.डी., अतिरिक्त एम.डी. मार्कफेड और सोसायटियों के 3 प्रतिनिधि शामिल
होंगे। इस अवसर पर सोसायटियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि किसानों को फ़सली
कजऱ् देने के लिए उनकी ज़मीनें गहने नही रखी जाती और इस लिए कर्जदारों द्वारा ज़मीन को बेचने और तबदीली से पहले राजस्व विभाग को सोसायटियों से
कोई बकाया न होने संबधित प्रमाण पत्र लेना चाहिए। इस पर सहकारिता विभाग के
अतिरिक्त मुख्य सचिव दूध डी.पी. रैडी ने कहा कि वह इस संबंधी हिदायतें जारी
करने के लिए राजस्व विभाग को लिखेंगे।स. रंधावा ने इस अवसर पर
सहकारी बैंकों की शाखाओं के नवीनीकरण पर ज़ोर देते हुए कहा कि सरकार द्वारा
अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटी सोसायटियों, जिनको दहशतगर्दी के दौर में
नुक्सान बर्दाश्त करना पड़ा, को पैकेज देने पर विचार किया जायेगा। इस अवसर
पर रजिस्ट्रार, सहकारी सोसायटियों डी.एस. मांगट भी मौजूद थे।
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