चंडीगढ़। हॉकी विश्व कप-1975 के विजेता भारतीय टीम के कप्तान रहे पद्मश्री और ओलम्पियन अजीत पाल सिंह को उस समय पर गहरा सदमा लगा जब उनकी पत्नी और अंतरराष्ट्रीय बास्केटबाल खिलाड़ी किरण अजीत पाल सिंह का नई दिल्ली में निधन हो गया।
किरण अजीत पाल सिंह 69 वर्ष के थे। वह कुछ समय से बीमार थे। वह अपने पीछे पति और दो पुत्र छोड़ गए। किरण अजीत पाल सिंह का अंतिम संस्कार रविवार को नयी दिल्ली में किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने हॉकी ओलम्पियन अजीत पाल सिंह के साथ दुख सांझा करते हुए किरण के चल जाने को खेल जगत के लिए बड़ा घाटा बताया। उन्होंने कहा कि अजीत पाल सिंह और उनकी पत्नी किरण दोनों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य और देश का नाम रोशन किया है।
मीत हेयर ने अजीतपाल सिंह के साथ गहरी संवेदना ज़ाहिर करते हुए दिवंगत आत्मा की आत्मिक शांति की कामना की। पीछे रहे परिवार को ईश्वरीय आदेश मानने का हौंसला प्रदान करने की अरदास भी की।
अजीत पाल सिंह ने जहां हॉकी खेल में विश्व कप और ओलम्पिक खेल में भारत की कप्तानी की वहीं उनकी पत्नी किरण अजीत पाल सिंह ने बास्केटबाल में भारत का प्रतिनिधित्व किया। खेल जगत में वह चुनिंदां जोड़ियों में से एक थे जो भारत की तरफ से खेले।
किरण अजीत पाल सिंह जो बास्केटबाल खेल में किरण ग्रेवाल के तौर पर जाने जाते थे, का पैतृक गाँव ललतों कलाँ (लुधियाना) था। उनका जन्म नई दिल्ली में ही हुआ। यहीं से ही पढ़ाई की और फिर बास्केटबाल खेला। अजीत पाल सिंह हॉकी के मक्का के तौर पर जाने जाते गाँव संसारपुर के रहने वाले हैं। वह परिवार समेत लम्बे समय से नयी दिल्ली में ही रह रहे थे।
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