चंडीगढ़। पंजाब
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब पुलिस के कामकाज में
पारदर्शिता लाने और निचले रैंक के कर्मचारियों की कथित सांठ-गांठ को तोडऩे
के लिए दिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इनके आधार पर एक पुलिस थाने में SHO और मुंशी
की तैनाती की मियाद तीन साल और कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल के सेवाकाल की
मियाद पाँच साल करने का फ़ैसला किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पंजाब पुलिस के एक
प्रवक्ता के अनुसार नई तबादला नीति के तहत यह फ़ैसला किया गया है कि किसी
पुलिस थाने का एस.एच.ओ. इंचार्ज अपने गृह वाली सब -डिविजऩ में तैनात नहीं
किया जायेगा। प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने अपराधियों और निचले स्तर
के पुलिस अधिकारियों के बीच सांठ-गांठ की शिकायतों का गंभीर नोटिस लिया है
और डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा को तबादले संबंधी नई नीति तैयार करने के लिए कहा
है जिससे पुलिस मुलाजिमों के एक जगह पर लम्बा समय तैनात रहने को रोका जा
सके।
नई तबादला नीति में यह व्यवस्था की गई है कि अपराधिक मामला
दर्ज होने के बाद अतिरिक्त या निचले स्तर का कोई भी पुलिस मुलाज़ीम उस जिले
में तैनात नहीं रहेगा। रेंज के आई.जी./डी.आई.जी. तुरंत उसको रेंज के किसी
अन्य जिले में तैनात करेंगे।
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