चंडीगढ़। पूर्व एमएलए और लुधियाना बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट हरीश राय ढांडा ने पंजाब के सिविल जज स्टूडेंट्स के अनुरोध पर उनकी आवाज उठाई। उनका कहना था कि पिछली जनवरी में हुए सिविल जज इम्तिहानो में अनियमितताएं पाई गईं। कई स्टूडेंट्स इन इम्तिहानों में हिस्सा ही नहीं ले पाए। अब सरकार को चाहिए पंजाब के हजारों सिविल जज बनने के 54 स्टूडेंट्स के लिए कोई रास्ता तैयार करें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एडवोकेट हरीश ने सिविल जजों की भर्तियों पर सवाल उठाते हुए कहाकि क्यों एक जज का बेटा, पोता और पुत्रवधू तक जज बनती हैं। ऐसा कब तक चलेगा। उन्होंने पंजाब सरकार से गुहार लगाई कि पंजाब में सिविल जजों की भर्ती पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए।
गौरतलब है की पंजाब सिविल जज की प्रिलिमनरी परीक्षाओं में पीपीएससी की वेबसाइट क्रैश होने से भाग न ले सके और ओवरएज हो रहे कैंडीडेट्स ने कुछ दिन पहले गोल्डन चांस की मांग की थी।
उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय भी मांगा। उन्हें निवेदन किया कि या तो गोल्डन चांस दिया जाए या फिर एज लिमिट बढ़ाई जाए। ताकि वह सिविल जज बन पाएं। इनमें एक पीड़िता संदीप कौर जिसकी उम्र 36 साल है, ने कहा कि मेरा यह लास्ट चांस था। अब मुझे लगता है कि जिंदगीभर जज का मेरा सपना मेरा पूरा नहीं होगा। मेरे जैसी कई ज्यूडिशियल एस्पिरेन्ट्स का सपना टूटने पर की कगार पर है ।
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