• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

किसानों के कल्याण के लिए सहकारी कर्ज मुहैया करवाने की प्रणाली की पुन: योजनाबंदी अत्यधिक ज़रूरी-रंधावा

Re-planning of the system of providing cooperative credit for the welfare of farmers is very important - Randhawa - Punjab-Chandigarh News in Hindi

चंडीगढ़। पंजाब के सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मुलाकात करते हुए राज्य की जि़ला केंद्रीय सहकारी बैंकों का पंजाब राज्य सहकारी बैंकों का विलय जल्द करने की मांग उठाई। गुरुवार को नयी दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक में मुलाकात के दौरान स. रंधावा ने कहा कि विलय का मामला रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के पास पहले ही भेजा हुआ है जिसको तेज़ी से पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय अपने स्तर पर हल करे।
सरकारी प्रवक्ता द्वारा गुरुवार को यहां जारी प्रेस बयान में बताया गया कि स. रंधावा ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के समक्ष यह बात उठाई कि किसानों के कल्याण के लिए सहकारी कर्ज मुहैया करवाने की प्रणाली की पुन: योजनाबंदी अति ज़रूरी है जिसके लिए यह विलय की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने में वित्त मंत्रालय हल करे। उन्होंने कहा कि विलय से बेहतर सेवाएं मुहैया करवाने में मदद मिलेगी जिसका सीधा सकारात्मक प्रभाव किसानी पर पड़ेगा।
स. रंधावा ने वित्त राज्य मंत्री के पास कमर्शियल बैंकों की तरह सहकारी बैंकों और सोसाइटियों को आय कर में छूट देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक सीधे तौर पर छोटे और मध्यम वर्गीय किसानों के साथ जुड़े हुए हैं जिस कारण सहकारी बैंकों को इस राहत की बड़ी ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट संस्थाओं और व्यापारिक बैंकों को मिली आय कर की छूट के तर्ज पर ही सहकारी सोसाइटियों और सहकारी बैंकों को भी छूट दी जाए। इस छूट के अंतर्गत आय कर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत किया हुआ है जो कि सहकारी बैंकों और सोसाइटियों को भी मिलना चाहिए जिस पर केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने स्वीकृति दी।
सहकारिता मंत्री ने एक और अहम मुद्दा उठाते हुए कहा कि सहकारी बैंकों द्वारा जो कर्ज किसानों को अपने स्रोतों से दिया जाता है, उस पर तो भारत सरकार द्वारा नाबार्ड के द्वारा 2 प्रतिशत की ब्याज राहत दी जाती है परंतु जो कर्ज सहकारी बैंकों द्वारा नाबार्ड से लेकर किसानों को दिया जाता है उस पर 2 प्रतिशत की ब्याज राहत नहीं मिलती है। साल 2006 -07 से पहले नाबार्ड सहकारी बैंकों को 5.5 प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज दिया जाता था और बैंकों द्वारा किसानों को 10 प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज दिया जाता था। अब नाबार्ड द्वारा यह कर्ज 4.5 प्रतिशत की दर पर दिया जाता है और सहकारी बैंकों द्वारा किसानों से 7 प्रतिशत की दर से कर्ज वसूला जाता है। इस तरह बैंकों को साल 2006 -07 में 4.5 प्रतिशत की गुंजाईश थी जो कि अब कम करके 2.5 प्रतिशत रह गया है। इस तरह सहकारी बैंकों को 2 प्रतिशत कम गुंजाईश मिल रही है। यदि भारत सरकार द्वारा सहकारी बैंकों को नाबार्ड से मिलने वाली रकम पर भी 2 प्रतिशत की दर से ब्याज राहत दे दी जाये तो बैंकों पर पडऩे वाला वित्तीय घाटा कम हो जायेगा।
इस मौके पर विधायक प्रगट सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव सहकारिता कल्पना मित्तल बरूहा, रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं विकास गर्ग और पंजाब राज्य सहकारी बैंक के एम.डी. डॉ.एस.के. बातिश भी उपस्थित थे।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Re-planning of the system of providing cooperative credit for the welfare of farmers is very important - Randhawa
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: cooperative minister of punjab sukhjinder singh randhawa, union minister of state for finance anurag thakur, central cooperative banks, punjab state cooperative banks, mergers, reserve bank of india, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, punjab-chandigarh news, punjab-chandigarh news in hindi, real time punjab-chandigarh city news, real time news, punjab-chandigarh news khas khabar, punjab-chandigarh news in hindi
Khaskhabar Punjab Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

पंजाब से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved