चंडीगढ़ । पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 6, 7 और 8 जनवरी को तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।
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यूनियन के राज्य नेता जगदीश्वर चंद्र ने पठानकोट गेट पर आयोजित रैली में कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार को लगभग तीन साल हो चुके हैं। लेकिन, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा चुनाव से पहले किए गए वादों का पालन नहीं हुआ। उन्होंने कहा था कि कच्चे कर्मचारी को स्थाई किया जाएगा और ठेकेदारी प्रथा खत्म की जाएगी, लेकिन परिवहन विभाग में न तो नई नियुक्ति की गई है और न ही ठेकेदारी प्रथा समाप्त हुई है।
यूनियन के मुताबिक, पंजाब रोडवेज और पनबस विभाग की 400 से अधिक बसें खराब हो चुकी हैं। लेकिन, सरकार ने अभी तक कोई नई बसें नहीं खरीदी हैं। साथ ही, ठेकेदारी प्रथा के तहत कर्मचारियों से हो रही लूट को बंद करने का दावा किया जा रहा था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। पंजाब में सरकारी कर्मचारियों को जीएसटी और ठेकेदारी प्रथा के तहत कोई कल्याणकारी लाभ भी नहीं मिल रहे हैं।
दीपू वर्कशॉप के सचिव दिलबाग सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि 1 जुलाई को पंजाब के मुख्यमंत्री से बैठक में यह सहमति बनी थी कि एक महीने के अंदर ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा। इसके अलावा, ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर विभाग की लूट को रोका जाएगा, कर्मचारियों के वेतन में समानता लाई जाएगी और निजीकरण को समाप्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब के परिवहन मंत्री इन मांगों को नजरअंदाज कर रहे हैं और इस कारण यूनियन ने दिसंबर में सभी विधायकों को 22 मांग पत्र सौंपे थे। 2 जनवरी को परिवहन मंत्री के साथ बैठक भी प्रस्तावित है। अगर इस बैठक से कोई समाधान नहीं निकलता है, तो 7 जनवरी से मुख्यमंत्री के घर के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा। अगर समाधान नहीं हुआ, तो यह धरना अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगा।
--आईएएनएस
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