चंडीगढ़। पंजाब कैबिनेट के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार और धनशोधन के आरोपों के बाद कांग्रेस सरकार में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह राज्य में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में बिजली एवं सिंचाई मंत्री हैं। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य में करोड़ों रुपयों की रेत खनन नीलामी में अनियमितता की वजह से बीते कुछ महीनों से बिजली एवं सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत विवादों में घिरे हैं। राणा गुरजीत और उनके बेटे को हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में समन भी जारी किया था।
शराब और चीनी उत्पादन के कारोबार से जुड़े राणा गुरजीत को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है। माना जाता है कि वर्ष 2017 में विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद अमरिंदर ने राणा गुरजीत सिंह को संबंधों के कारण ही उन्हें ऊर्चा और सिंचाई मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था।
कुछ महीनों पहले पंजाब में कई जगहों पर रेत खदानों की नीलामी हुई थी। इस दौरान राणा पर आरोप लगा था कि उन्होंने मनमाने तरीके से अपनी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए रेत खदानों की नीलामी की है। राणा पर आरोप लगने के बाद उन्हें विपक्ष के तीखे हमलों का सामना करना पड़ा था।
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