चंडीगढ़। वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृपाल सिंह मामले को लेकर पुलिस की टीम ने होशियारपुर के मनैया गांव में तलाशी अभियान किया। पुलिस को यहां अमृतपाल और उसके साथियों के होने की आशंका थी। पुलिस को अब तक अमृतपाल के बारे में अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
उधर, राज्य के महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी थी कि पंजाब पुलिस भगोड़े खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के करीब थी। उच्च न्यायालय एक व्यक्ति द्वारा उसकी रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने दावा किया कि अमृतपाल सिंह जालंधर में अवैध हिरासत में है। महाधिवक्ता ने स्पष्ट किया कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश कर रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, पंजाब एक संवेदनशील चरण से गुजर रहा है और इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल है। इसलिए, दिए गए तर्कों को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उठाए गए तर्कों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए।
दोनों पक्षों के वकील को सुनने के बाद जस्टिस एनएस शेखावत ने याचिकाकर्ता के वकील से सबूत दिखाने को कहा कि अमृतपाल सिंह पुलिस की अवैध हिरासत में है। उन्होंने कहा कि राज्य का स्पष्ट रुख है कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
अमृतपाल सिंह 18 मार्च से गिरफ्तारी से बच रहा है, अपना ठिकाना बदल रहा है। अमृतपाल सिंह का अपने सहयोगी पापलप्रीत सिंह के साथ एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर अमृतपाल सिंह दिल्ली की एक गली में बिना पगड़ी और मास्क पहने घूम रहा है।
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