चंडीगढ़। पंजाब सरकार द्वारा माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुये जिला एस ए एस नगर (मोहाली) के सीमावर्ती क्षेत्र के 15 गांवों में जांच/वैज्ञानिक अध्ययन करवाकर पी एल पी ए एक्ट के अनुसार विस्तृत कार्रवाई अमल में लाते हुए पी एल पी ए 1900 की धारा 4 के अधीन ताजी अधिसूचना जारी कर दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य के वन व वन्यजीव संरक्षण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने यह खुलासा करते हुये बताया कि इस अधिसूचना के जारी होने से क्षेत्र में भ्रामक प्रचार का अंत हो गया है। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा राजस्व विभाग की उपस्थिति में इन गांवों के लोगों को अपनी-अपनी आपत्तियां/सुझाव और दावा आदि डिप्टी कमिश्नर, मोहाली को भेजने के लिए जागरूक किया गया था। उन्होंने कहा कि इस संबंधी अधिक से अधिक प्रचार करने हेतू गांवों में बैठके, अखबारों में विज्ञापन और धार्मिक स्थानों से अनाऊंसमैंट भी करवाई गई।
उन्होंने बताया कि इससे पहले वन विभाग द्वारा भूमि और पानी की संभाल संबंधी भारत सरकार के संस्थान ‘सैंट्रल सोइल कंजरवेशन इंस्टीट्यूट, आई.ए.आर.आई., दिल्ली और लैंड सर्वे एंड यूज, नोइडा और पंजाब रिमोट सैंसिंस एजेंसी, लुधियाना से मुकम्मल साईंटिफिक स्टडी करवाई गई। उन्होंने बताया कि इन एजेंसियों द्वारा अपनी रिपोर्टों में इस क्षेत्रफल को ‘सीवियर इरोजऩ’ वाला क्षेत्र बताया गया। उन्होंने बताया कि वन विभाग, पंजाब का फील्ड स्टाफ जहां इन एजेंसियों की फील्ड में सहायता करता रहा, वहां अपने स्तर पर भी इन क्षेत्रों की अच्छी तरह जांच-पड़ताल की। उन्होंने बताया कि फील्ड स्टाफ द्वारा इन क्षेत्रफलों में भूमि की स्थिति को दर्शाती तस्वीरेंं भी ली गई।
धर्मसोत ने बताया कि इस सारी प्रक्रिया की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई है। उन्होंने बताया कि इस जारी नोटिफिकेशन में नाडा, करोरां, पड़च्छ, माजरियां, सुंक, छोटी-बड़ी नग्गल, सीसवां, पल्लणपुर, दुल्लवां, बूरआना, तारापुर माजरी, सुल्तानपुर, माजरा, पड़ोल और गोचर सहित कुल 15 गांवों के डीलिस्ट हुए क्षेत्रफल को छोडक़र शेष क्षेत्रफल शामिल किया गया है।
वन मंत्री ने कहा कि इस नोटिफिकेशन से जहां वन क्षेत्र और वन्यजीव सुरक्षित रहेंगे, वहीं इस क्षेत्रफल में भूमि कटाव/अपक्षरण का ख़तरा घटेगा और निचले हिस्सों में गाद भरनी (सीलटेशन) रुकेगी और बाढ़ का ख़तरा घटेगा। उन्होंने बताया कि इस नोटिफिकेशन के अंतर्गत इन क्षेत्रों के मकान मालिकों /लोगों के मालिकाना अधिकार बरकरार रहेंगे। यह भी उल्लेखनीय है कि इस नोटिफिकेशन से माननीय पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चल रही सी.आर.एम-एम 49595 ऑफ 2007 में जस्टिस कुलदीप सिंह की अंतरिम रिपोर्ट के पालन को भी बल मिलेगा।
धर्मसोत ने आगे कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार सूबे की संपत्ति की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस नोटिफिकेशन से पहले की तरह बंद क्षेत्रों में वन विभाग, भू-रक्षा और ग्रामीण व पंचायत विभाग द्वारा प्लांटेशन और भूमि रक्षा के काम विभिन्न योजनाओं के अनुसार जारी रहेंगे, इससे जहां लोगों को पहले की तरह रोजग़ार मिलेगा, वहीं इन क्षेत्रों की सुंदरता भी कायम रहेगी।
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