चंडीगढ़। पंजाब में 11 जून को होने वाली 56 रेत खदानों की ई-नीलामी मामले में कैप्टन सरकार बैकफुट पर आ गई है। ई-नीलामी रद्द कर दी है। इसकी अधिसूचना 25 मई को खनन निदेशालय द्वारा जारी की गई थी। नीलामी रद्द किए जाने से पंजाब में सियासत गर्माई हुई है। 14 जून से विधानसभा सत्र शुरू होगा। इसमें विपक्ष कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के पूर्व रसोइये और कर्मचारियों द्वारा खदान लेने के मामले में सरकार को घेरने की तैयारी में है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकार की ओर से कहा गया है कि नीलामी दस्तावेज की अपेक्षित शर्तों के अनुसार भावी बोलीदाताओं को दस्तावेज विवरण अपलोड करने की आवश्यकता थी। जबकि दो तिहाई बोलीदाताओं ने निविदा दस्तावेज में निर्धारित शर्तों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज व विवरण नहीं जमा किए गए हैं। इसके कारण विभाग ने नीलामी प्रक्रिया को रद्द कर दिया है।
वहीं ई-नीलामी में कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के पूर्व रसोइये और कर्मचारियों द्वारा खदान लेने के कारण सरकार घिर गई। सूत्र बताते हैं कि पहली 89 रेत खड्डों की बोली के दौरान सरकार ने 1026 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का दावा किया है। बाद में 34 सफल बोलीदाताओं ने ही विभाग के पास पैसे जमा करवाए।
14 जून से पंजाब का विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है। विपक्ष रेत मामले में सरकार को घेरने की तैयारी में है। यही वजह है कि सरकार बैकफुट पर है। सरकार को लगता ह कि अगर बोली में राणा गुरजीत सिंह की तरह ही कोई और मामला सामने आ गया या बोली से कम राजस्व आया तो सरकार के समक्ष विपक्ष का सामना करना मुश्किल हो जाएगा। वहीं, विभाग का कहना है कि निविदाकर्ताओं की बयाना राशि जमा (ईएमडी) 13 जून 2017 तक ऑनलाइन वापस कर दी जाएगी।
अगले सप्ताह पूर्वोत्तर राज्यों में चुनाव प्रचार करेंगे गृह मंत्री अमित शाह
तेजस्वी ने पप्पू यादव का नाम लिए बिना कहा- राजद का गठबन्धन कांग्रेस से, किसी व्यक्ति से नहीं
अब्बास अंसारी पिता के जनाजे में शायद ही हो सकेंगे शामिल, लोगों ने कहा - जब राम रहीम को पैरोल तो...
Daily Horoscope