चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री
अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर
2017-2020 के लिए अनुसूचित जाति (पीएमएस-एससी) के लिए पोस्ट-मैट्रिक
छात्रवृत्ति के तहत राज्य की लंबित राशि और संशोधित साझाकरण पैटर्न जारी
करने की मांग की।
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मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि हालांकि केंद्र ने 31 दिसंबर,
2020 को केंद्र और राज्यों के बीच एक संशोधित साझाकरण पैटर्न (60:40) शुरू
करने के लिए छात्रवृत्ति के दिशानिदेशरें में संशोधन किया था।
अप्रैल
2017 से मार्च 2020 की अवधि के लिए इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं दिया गया
था, जिससे लाखों अनुसूचित जाति के छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि अक्टूबर 2018 और फरवरी 2020 के अपने पहले के संचार में,
उन्होंने योजना के तहत बकाया मांग के संबंध में राज्य की चिंता को
प्रधानमंत्री के समक्ष रखा था।
2017-20 के लिए 1,563 करोड़ रुपये की
राशि अभी भी केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के पास योजना
के तहत केंद्रीय हिस्से के रूप में जारी करने के लिए लंबित है। उन्होंने
कहा कि उन पत्रों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
यह बताते
हुए कि पंजाब में देश में अनुसूचित जाति की आबादी का प्रतिशत सबसे अधिक
है, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य इस मामले में विशेष ध्यान देने योग्य है।
उन्होंने
कहा, "इसके अलावा, एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते, यह सुनिश्चित करने
की आवश्यकता है कि इसके युवाओं को शिक्षा और रोजगार का अवसर मिले ताकि वे
असामाजिक और राष्ट्र-विरोधी तत्वों के शिकार न हों।"
--आईएएनएस
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