चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जापान के राजदूत
केनजी हीरामतसू के साथ मुलाकात करके नवीनीकरण ऊर्जा, कृषि वाले ट्यूबवैलों
को सौर ऊर्जा के साथ चलाने, औद्योगिक पार्क स्थापित करने और कौशल विकास
सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की मांग की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गत सात महीनों के
दौरान राज्य सरकार द्वारा विभिन्न पहलकदमियों के नतीजे के तौर पर
ओद्यौगिककरण के लिए पैदा हुए सर्वपक्षीय माहौल का जि़क्र करते हुए
मुख्यमंत्री ने राजदूत को बताया कि पंजाब अपने औद्योगिक क्षेत्र के प्रसार
और विस्तार के लिए जापान के लिए आदर्श मंच मुहैया कर रहा है।
एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने
कहा कि पंजाब के इसूज़ू (आटोमोबाईल), सिग्मा फरैडनबरग एन.ओ.के. (तेल सील),
कनसाए नैरोलैक (इंडस्ट्रिअल पेंट), यनमार सोनालिका (ट्रैक्टर और कृषि साजो
-समान), टोपान (प्रिंटिंग) जैसी जापानी कंपनियां से लंबे समय से नज़दीकी
सम्बन्ध हैं। राज्य की नयी औद्योगिक और व्यापारिक विकास नीति 2017 ने इन
संबंधों को ओैर मज़बूत किया है। उन्होंने कहा कि यह नीति सरकार द्वारा
राज्य में उद्योग को फिर से पुर्नसृृजत और पुरानी शान फिर से बहाल करने के
पंजाब के लोगों के साथ किये गए वायदे की तजऱ् पर तैयार की गई है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि अगले पाँच सालों के दौरान राज्य के
उद्योग को पाँच रुपए प्रति यूनिट बिजली मुहैया करवाने और बुनियादी ढांचे को
उठाने इस नीति की मुख्य विशेषताएं हैं जिस से राज्य का व्यापार और भी सुगम
हो जाएगा। इस के वल्र्ड बैंक एंड डिपार्टमैंट आफ इंडस्ट्रियल पालिसी एंड
प्रमोशन (डी.आई.पी.पी.) द्वारा देश में बिजऩेस करने में आसानी (ई.ओ.डी.बी.)
के प्रमुख के तौर पर पहचान की है।
इसके अलावा उन्होंने
राजदूत को यह भी बताया कि पंजाब में उद्योग स्थापित करने के जापान को कुछ
ओैर भी लाभ हैं जहाँ कोई भी औद्योगिक विवाद नहीं हैं और कम दरों पर पानी और
बिजली की उपलब्धता है। यहां प्रति व्यक्ति आय ज़्यादा है और शिक्षा का
स्तर ऊँचा होने के अलावा बहुत बढिय़ा बुनियादी ढांचा और संपर्क व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री ने राजदूत को यह भी बताया कि उनकी सरकार की पंजाब राज्य
औद्योगिक और व्यापार विकास अथॅारटी स्थापित करने की योजना है। इस समय पर जो
कोई विभिन्न औद्योगिक एस्टेटों का रख -रखाव और प्रबंधन विभिन्न एजेंसियाँ
द्वारा किया जा रहा है परन्तु इसकी स्थापना से यह एक एजेंसी के नीचे आ
जायेगा। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में प्रभावी और एकसमान रख -रखाव और
प्रबंधन को यकीनी बनेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की
चार नये औद्योगिक पार्क और 12 नयी औद्योगिक अस्टेट स्थापित करने की योजना
है। इसके अलावा सरकार द्वारा कौशल यूनिवर्सिटी बनाई जायेगी जिससे उद्योग की
ज़रूरतों को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोैशल प्रशिक्षण स्कीम एक
एजेंसी के नीचे लाई जायेगी जिसका नाम पंजाब कौशल विकास मिशन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान से मुख्य क्षेत्रों में सहयोग और औद्योगिक
सहयोग के लिए राज्य बहुत ही साकारात्मक वातावरण है। इन क्षेत्रों में
नवीनीकरणीय ऊर्जा भी शामिल है जिसमें धान का छिल्का (बायोमास) को ईथानोल
में तबदील करने के लिए एक पायलट प्रोजैक्ट भी प्रस्तावित किया गया है। 100
टन की सामर्था वाले प्रोजैक्ट के लिए एन.ई.डी.ओ. द्वारा जापानी कंपनी को
वित्तीय अनुदान दिया जाएगा जिस से बायोमास को ऊर्जा में तबदील करने के लिए
बड़े स्तर पर अमल में लाने का रास्ता खुलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा
इस संबंधी विस्तारित मसौदा तैयार करने और ऐसे उद्यमों के लिए कंपनियां को
उत्साहित करने के लिए एक विस्तारित नीति प्रक्रिया अधीन है। इसके अलावा
राज्य का नवीनीकरणीय ऊर्जा विभाग भी इसी दिशा पर काम कर रहा है।
सौर ऊर्जा पर कृषि पंप चलाने के लिए जे.आई.सी.ए. द्वारा फंड देने के
अलावा मुख्यमंत्री को लघु और मध्यम उद्योग विशेषकर मैनुफ़ेक्चरिंग के
क्षेत्र में जापान के औद्योगिक नगर की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा।
उन्होंने जापानी एंकर यूनिट के साथ इलैक्ट्रॉनिकस पार्क के लिए राजपुरा
(पटियाला), इसी यूनिट के अंतर्गत आटोमोबायल पार्क के लिए मत्तेवाड़ा
(लुधियाना), इसी तजऱ् पर ही फ़र्मा पार्क के लिए सुन्दरा (डेरा बस्सी) और
फूड प्रोसेैेसिंग पार्क के लिए अमृतसर सहित कई उचित स्थानों की पेशकश की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी स्थान उपभोक्ताओं की पहुँच के तौर पर
बेहतर हैं जिसमें बुनियादी ढांचा पानी, सडक़ें, योजनाबंदी, ज़मीन ग्रहण करने
/लीज़ पर लेने /कीमत पक्ष से सिंगल विंडो का सुविधा, मानक श्रम हासिल होने
और खुले ढंग से जीवन व्यतीत करना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योग और व्यापार विभाग जापान की अथॅारटी के पास प्रस्ताव आगे ले कर जायेगा।
कोैशल
विकास के क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने मैनुफ़ेक्चरिंग के लिए कौशल के आदान
-प्रदान को उत्साहित करने के प्रोग्राम का सुझाव दिया जिसमें तकनीकी शिक्षा
विभाग और औद्योगिक विभाग की हिस्सेदारी की संभावना को ढूंढेगें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जापान इंडिया इंस्टीट्यूट आफ
मैनुफ़ेक्चरिंग की स्थापना अगले पड़ाव में करने का मसला केंद्र सरकार के
पास उठाएगी जो गुजरात, कर्नाटका और राजस्थान में इन इंस्टीट्यूट को स्थापित
करने के बाद शुरू होना है जिसके लिए एक सर्वे करवाया जायेगा। कैप्टन
अमरिंदर सिंह ने जापानी राजदूत को बताया कि बहु उदेशीय कौशल विकास केंद्र
हिस्सेदारी के साथ चलाने की संभावना का प्रोग्राम भी बनाया जायेगा।
राज्य में उद्योग के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए उनकी सरकार द्वारा
उठाये गए कदमों के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते जापानी राजदूत ने कहा कि
राज्य में बहुत क्षेत्रों में आपसी सहयोग और हिस्सेदारी की अथाह संभावनाएं
हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में रखे गये प्रस्ताव पर राजदूत ने
गहरी रूचि दिखाते कहा कि वह इन प्रस्तावों को जल्दी अमलीजामा पहनाने के लिए
अपनी सरकार के साथ बात करेगे।
राजदूत ने कहा कि पंजाब और
जापान के मध्य औद्योगिक साझेदारी दोनों पक्षों के हित में है और उनके देश के
लिए राज्य में अपनी मौजुदगी को मज़बूती देने के लिए और आगे बढऩे का यह
सही मौका है।
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