चंडीगढ़।पंजाब
मंत्रीमंडल ने आज राज्य में पुलिस के कामकाज में और निखार लाने और घृणित
अपराधों की जांच के लिए पंजाब पुलिस में अलग जांच विंग की स्थापना को
मंज़ूरी दे दी है।विभिन्न
अदालतों द्वारा इस संदर्भ में जारी निर्देशों के अनुसार यह कदम अमन -कानून
की मशीनरी को जांच विंग से अलग रखेगा और सरकार द्वारा हर जिले में जुर्म
की रोकथाम के लिए विशेष यूनिट बनाई जाएगी। यह यूनिट इंस्पेक्टर रैक के
अधिकारी के नेतृत्व में काम करेंगे और इन ईकाइयों को आवाश्यक स्टाफ मुहैया
करवाया जायेगा जिससे घटनाओं की जांच अच्छे ढंग से संपूर्ण की जा सके।मंत्रीमंडल
द्वारा पंजाब पुलिस एक्ट -2007 की धारा 36 में संशोधन करते हुये यह यकीनी
बनाया गया है कि जांच स्टाफ को किसी बहुत ही हंगामी हालत के बिना किसी
अन्य ड्यूटी के लिए नहीं इस्तेमाल कि या जा सकेगा और हंगामी हालत में भी
संबंधित रेंज के इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस की इजाज़त ली जायेगी।प्रवक्ता
ने बताया कि यह फ़ैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा पंजाब पुलिस
में शुरु किये गये सुधारों की प्रक्रिया के अंतर्गत लिया गया है जिससे
सूबे में अमन-कानून की स्थिति में और सुधार लाया जा सके।जि़क्रयोग्य
है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जांच और अमन-कानून से संबंधित ड्यूटियों के
लिए अलग कैडर स्थापित करने के लिए इस महीने के शुरू में 30 नवंबर, 2017 तक
सभी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे। नयी
प्रक्रिया के अंतर्गत अलग जांच यूनिट (आई.यू.) और पैरवी यूनिट (पी.यू.)
थाना स्तर तक स्थापित किये जाएंगे। जांच यूनिट पूर्ण तौर पर घिनौने अपराधों
की तह तक जा कर जांच को समय पर पूरी करने और पैरवी यूनिट, फ़ौजदारी मामलों
की संबंधित अदालतों में पूरी पैरवी करेंगे।यह
कदम जांच को अमन-कानून ड्यूटियों के मद्देनजऱ किसी भी हालत में प्रभावित न
होने देने की ज़रूरत के अंतर्गत उठाया गया है जिससे किसी भी तरह की
अमन-कानून से संबंधित ज़रूरी ड्यूटी के कारण संवेदनशील मामलों और घृणित
जुर्मों की जांच पर कोई प्रभाव न पड़े। इस प्रक्रिया के साथ जांच यूनिट
विश्वसनीय सबूतों को स य, पेशेवर और विशेषज्ञ ढंग से एकत्रित करने के
योग्य हो सकेंगे।यह
भी फ़ैसला लिया गया है कि आई.यू. की कारगुज़ारी पर भी पूरी नजऱसानी की
जायेगी कि विशेष मामलों में जांच सही ढंग से हो रही है कि नहीं। प्रवक्ता
ने बताया कि दोनों कैडरों को अलग अलग करने से सज़ा दिलाने की दर में वृद्धि
को यकीनी बनाया जायेगा और यह पुलिस और लोगों में अच्छा माहौल भी स्थापित
करेगा। इसके अलावा मंत्रीमंडल द्वारा पुलिस रेंजों और ज़ोन को फिर ढांचागत
करने की सैद्धांतिक स्वीकृति देते हुये जांच विंगों को ज़रुरी स्टाफ और
विधि विधान को मु य सचिव के नेतृत्व वाली अफ़सर कमेटी रूप रेखा देगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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