मान ने कहा, "खैरा को अनुशासनहीनता के कारण (विपक्ष के नेता के पद
से) हटाया गया था। यह उन्हें समझाने के लिए किया गया था, लेकिन वह पार्टी
नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी करते रहे। वह हमेशा आत्मकेंद्रित राजनीति करते
रहे हैं, जो पार्टी को स्वीकार नहीं है।" ये भी पढ़ें - इस लडकी का हर कोई हुआ दीवाना, जानें...
उन्होंने कहा, "उन्होंने
विपक्ष के नेता के तौर पर एच.एस. फूलका और आप की पंजाब इकाई के अध्यक्ष के
तौर पर मेरी नियुक्ति का विरोध किया था। इससे साबित होता है कि उनकी लड़ाई
सिर्फ सत्ता के लिए थी।"
खैरा के इस्तीफे को सिर्फ नाटक बताते हुए
मान ने उन्हें विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ने की
चुनौती दी। मान ने कहा कि जो आप विधायक अभी भी खैरा के साथ हैं, उनके लिए
पार्टी के दरवाजे हमेशा खुले हैं।
--आईएएनएस
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