चंडीगढ़। पंजाब के गुरदासपुर जिले के घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में काम अवैध रूप से चल रहा था और इसके लाइसेंस की समयसीमा 2013 में खत्म हो गई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपिंदरजीत सिंह घुम्मन ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 23 लोगों की मौत हो गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने घटनास्थल पर एक समाचार चैनल को बताया कि हमें फैक्ट्री के (संचालन) के बारे में पता नहीं था। 2013 में कारखाने के लाइसेंस की समयसीमा खत्म हो गई थी। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम कुछ नहीं कह सकते। हम मजिस्ट्रेट जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं। राज्य सरकार ने एक ट्वीट में कहा कि ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा राहत और बचाव कार्यों की देखरेख कर रहे हैं।
उन्होंने पीडि़तों के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने के लिए सुबह दोबारा बटाला के सिविल अस्पताल का दौरा किया। विस्फोट में कुल 23 लोग मारे गए और 18 लोग घायल हुए हैं। बुधवार को अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने के बाद क्षतिग्रस्त हुए इमारत के मलबों में राहत बचाव दल ने लापता लोगों की तलाश बंद कर दी।
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