चंडीगढ़। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू द्वारा सिविल सर्जनों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकार द्वारा लगाए जा रहे मैडीकल कैंपों पर निजी तौर पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने इस सम्बन्धी विभाग की कोशिशों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जरूरतमन्दों को समय पर और नियमित ढंग से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाना ज्यादा जरूरी थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बेमिसाल सेवाएं निभाने वाले अधिकारियों को सम्मानित करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा किसी महामारी और प्रदूषित और खड़े हुए पानी से पैदा होने वाली पानी, चमड़ी और छूत की बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 18 अगस्त से मैडीकल कैंप लगाए जा रहे हैं। इन कैंपों में अब तक अधिक से अधिक 10,755 मरीजों का इलाज किया जा चुका है और मौत का कोई मामला सामने नहीं आया। उन्होंने यह भी बताया कि इन मैडीकल कैंपों में सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए सिविल सर्जन जि़म्मेदार हैं।
बाढ़ों में बुरी तरह प्रभावित होने वाले क्षेत्र जो कि पानी भरने के कारण जमीन से कट ऑफ हो गए हैं, में लगाए जा रहे कैंपों संबंधी बताते हुए मंत्री ने कहा कि जालंधर और कपूरथला में प्रति गाँव क्रमवार 20 और 21 मैडीकल मोबायल टीमें तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा,‘‘सिविल सर्जनों को मैडीकल कैंपों के काम-काज पर निजी तौर पर नजऱ रखने के निर्देश दिए गए हैं जिससे मानक स्वास्थ्य सेवाओं को यकीनी बनाया जा सके।’’
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि इन इलाकों में ओ.आर.एस और क्लोरीन की गोलियाँ भी बाँटी जा रही हैं। इसके साथ ही सिविल सर्जनों को स्थानीय स्तर पर क्लोरीन की गोलियों की खरीद करने के निर्देश दिए गए हैं और एमरजैंसी के दौरान पंजाब हैल्थ सिस्टम निगम क्लोरीन की गोलियाँ मुहैया करवाने के उचित प्रबंध करेगा। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जनों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार सभी प्रभावित जिलों के पास ज़रूरी दवाओं का उपयुक्त भंडार उपलब्ध है। मैडीकल कैंपों में रैफरल मामलों के लिए ऐंबूलैसें हर समय तैयार हैं।
सिद्धू ने कहा कि नेशनल वैकटर बौर्न डिसीज़ कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत जिलों के पास लारवा मारने वाली और कीटनाशक दवाओं का भंडार पहले ही मौजूद है। उन्होंने कहा कि जि़ला टीमें सम्बन्धित बाढ़ प्रभावित गाँवों और शहरों में और ज्यादा खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए काम कर रही हैं जिससे किसी महामारी के पैदा होने को रोकने के लिए पहले ही उचित प्रबंध किये जा सकें।
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