चंडीगढ़। पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग द्वारा राज्य के सभी हितधारक विभागों से स्टेट एनर्जी एफिशिएंसी एक्शन प्लान (एसईईएपी) संबंधी एक हफ़्ते के अंदर-अंदर सुझावों की माँग की गई है।
पेडा ऑडिटोरियम में ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) और एसोसिएटेड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (ऐसोचैम) के सहयोग से पेडा द्वारा एसईईएपी संबंधी करवाई गई हॉफ़ डे स्टेकहोल्डर्स वर्कशॉप को संबोधित करते हुए पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) के सीईओ डॉ. अमरपाल सिंह ने सभी विभागों को जल्द से जल्द अपने सुझाव देने की अपील की।
सीईओ ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य में इमारतों, उद्योगों, नगर पालिकाओं, कृषि, ट्रांसपोर्ट और अन्य क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी तैयार की गई कार्य योजना ऊर्जा दक्षता के लिए लाभदायक सिद्ध होने के साथ-साथ कार्बन के निकास को घटाने में भी मदद करेगी। उन्होंने प्रभावशाली कार्य योजना तैयार करने के लिए अलग-अलग हितधारकों से सुझाव लेने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने सभी हितधारकों को ऊर्जा दक्षता के उपाय लागू करने की अपील की, जिससे आने वाली पीढिय़ाँ इनसे लाभ ले सकें।
सभी हितधारकों का स्वागत करते हुए पेडा के डायरैक्टर एमपी सिंह ने स्टेट एनर्जी एफिशिएंसी एक्शन प्लान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी विभागों का उद्देश्य भारत के आर्थिक क्षेत्र में कार्बन के निकास को साल 2030 तक 45 फ़ीसदी से कम करना है।
ऐसोचैम के क्षेत्रीय डायरेक्टर रविन्दर चांदला ने कार्य-योजना तैयार करने में सहयोग देने और तालमेल के लिए हितधारक विभागों का धन्यवाद किया। ऐसोचैम के प्रोजैक्ट मैनेजर कुशाग्र जुनेजा और मोहित त्रिपाठी ने इमारतों, उद्योगों, ट्रांसपोर्ट और कृषि जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता की संभावनाओं को उजागर करते हुए पंजाब के लिए स्टेट एनर्जी एफिशिएंसी एक्शन प्लान के बारे में विस्तारपूर्वक प्रस्तुति दी।
इस दौरान हितधारकों के साथ यातायात क्षेत्र में तकनीकों, इमारतों में ऊर्जा दक्षता उपकरण लगाने के लिए प्रोग्राम को लागू करने, इमारतों के लिए बीईई स्टार रेटिंगों और शून्य रेटिंग और उद्योगों, कृषि में ऊर्जा दक्षता के उपाय शुरू करने और ऊर्जा दक्षता के प्रति व्यवहारिक बदलावों को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक रिपोर्ट साझी की गई।
इस वर्कशॉप में तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण, पशु पालन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंजाब स्टेट कौंसिल फॉर साइंस एंड टैक्रोलॉजी, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता, पंजाब हैल्थ सिस्टम, पीएसपीसीएल, स्थानीय निकाय और योजनाबंदी विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए और कार्य-योजना के बारे में अपने विचार साझे किए।
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