चंडीगढ़। ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36 वीं वर्षगांठ पर सिख कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच मामूली हाथापाई और गर्म बहस हुई क्योंकि वे शनिवार को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करना चाहते थे। सिख कार्यकर्ता और नेता अकाल तख्त में बड़ी संख्या में इकट्ठा होना चाहते थे, लेकिन स्वर्ण मंदिर परिसर कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण आधिकारिक रूप से अभी नहीं खुला है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लिहाजा उन्हें शुरू में पुलिस द्वारा रोक दिया गया था, लेकिन बाद में गरमागरम बहस के बाद वे मंदिर परिसर में पहुंचने में कामयाब रहे, जहां कुछ भक्तों के साथ प्रार्थनाएं की गईं।
पिछली वर्षगांठ के दौरान हुई हिंसक झड़पों के मद्देनजर, ऑपरेशन ब्लू स्टार की वर्षगांठ से पहले ही राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से लगभग 250 किलोमीटर दूर इस पवित्र शहर अमृतसर में और उसके आसपास सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर थीं।
ऑपरेशन ब्लू स्टार भारतीय सेना द्वारा दरबार साहिब परिसर में 1 से 8 जून, 1984 के बीच किया गया था।
हर साल कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा द्वारा परिसर के भीतर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे सेना के ऑपरेशन की सालगिरह पर अकाल तख्त पर प्रार्थना की जाती है।
ऑपरेशन ब्लू स्टार की सालगिरह के कारण शांति पर खतरे को देख मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि आतंक के काले दिनों के दौरान 35 हजार लोगों को खोने वाले पंजाब की शांति को बाधित करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा, "कोई भी पंजाबी यह नहीं चाहता है," यह केवल एक मुट्ठी भारत विरोधी तत्व हैं जो हर बार और फिर खालिस्तान के नाम पर लोगों को भड़काने की कोशिश करते रहे हैं।
--आईएएनएस
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