चंडीगढ़। सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की 352वीं जयंती के मौके पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पटना और देशभर में अन्य जगहों पर हजारों सिख श्रद्धालु रविवार को मत्था टेकने और प्रार्थना करने के लिए गुरुद्वारों में उमड़े। संयोग से इस वर्ष ‘लोहड़ी’ पर्व के दिन ही गुरु गोबिंद सिंह की जयंती है। गुरु गोबिंद सिंह (1666-1708) ने 1699 में ‘खालसा पंथ’ की स्थापना की थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्वर्ण मंदिर के नाम से लोकप्रिय अमृतसर के प्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल ‘हरमंदिर साहिब’ और अन्य गुरुद्वारों में गुरु की जयंती मनाने के लिए सिख श्रद्धालुओं के बीच उत्साह देखा गया।
सुबह से ही मत्था टेकने के लिए अधिकांश गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे लगी।
मत्था टेकने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। पूरे स्वर्ण मंदिर परिसर को विशेष रोशनी से सजाया गया है।
यहां से लगभग 85 किलोमीटर दूर आनंदपुर साहिब में तख्त केशगढ़ साहिब गुरुद्वारे में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ गई। यहीं पर गुरु गोबिंद सिंह ने ‘खालसा पंथ’ की स्थापना की थी।
बिहार के पटना में भी गुरुद्वारा जन्मस्थान में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। चंडीगढ़ से सटे पंचकुला में गुरुद्वारा नादा साहिब में सैकड़ों लोगों ने मत्था टेका जहां गुरु अपने जीवनकाल में कुछ दिनों के लिए रहे थे।
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के गुरुद्वारों को गुरु की जयंती के अवसर पर सजाया गया है। जयंती के जश्न के तौर पर शुक्रवार और शनिवार को इस क्षेत्र में सभी स्थानों पर धार्मिक जुलूस निकाले गए।
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