चंडीगढ़ । रेत के व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए पंजाब मंत्रीमंडल ने इस संबंधी नीति में अनेकों बदलाव लाने के लिए मंजूरी दे दी है जिससे पहले अपनाई जा रही व्यक्तिगत खानों की बोली की प्रक्रिया की जगह सरकार प्रगतिशील बोली के द्वारा रणनीतिक तौर पर स्थापित कलस्टरों में खनन ब्लाकों की बोली द्वारा ठेके मुहैया करवाने के समर्थ हो सके । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इससे सरकारी खजाने को बहुत लाभ होने के अलावा वाजिब कीमतों पर उपभोक्ताओं को उपयुक्त सप्लाई मुहैया करवाई जा सकेगी और अवैध खनन को नकेल डल़ेेगी ।
यह फ़ैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया ।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार यह फ़ैसला भी लिया गया कि यह नयी नीति मंत्रीमंडल की मंजूरी के बाद 2 महीनों में अमल में आ जायेगी जिसके लिए पंजाब स्टेट सैंड एंड ग्रेवल नीति -2018 को मंजूरी दी गई है और पंजाब मिनिरल रूल्ज -2013 में संशोधन किये गये हैं ।
प्रवक्ता के अनुसार इस दौरान यह भी फ़ैसला किया गया है कि खनन विभाग छोटे या मध्यम सभी तरह के उपभोक्ताओं को रेत की बिक्री के लिए एक पंजाब सैंड पोर्टल भी जारी करेगा। सभी तबादले /भुगतान ऑनलाईन रियल टाईम मोनेटरिंग सिस्टम के द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाईन ढंग के द्वारा होगा। रेत की बिक्री को एक केंद्रीय निगरान सुविधा के द्वारा जुड़े इलेक्ट्रानिक सिस्टम के द्वारा नियंत्रित किया जायेगा। पोर्टल पर रोज़मर्रा की प्रगति रिपोर्ट को अपलोड किया जायेगा और हर एक ब्लाक का ठेकेदार इस पोर्टल पर रेत के भाव को दिखाऐगा।
मुख्यमंत्री स्तर पर विचार-चर्चा के अलावा विभिन्न स्तरों पर विचार-विमर्श के बाद विभाग ने पंजाब स्टेट सैंड एंड ग्रेवल पॉलिसी -2018 का नीति मसौदा तैयार किया है और पंजाब माइनर मिनिरल रूल्ज -2013 और एग्रीमेंट फोर्म एल -1 में संशोधन लाया गया है।
इस नयी नीति की विशेषताओं का वर्णन करते हुए प्रवक्ता ने बताया कि शिनाख़त किये गए खनिजों के ब्लाकों में रेत और बजरी की मात्रा के लिए माइनिंग अधिकार ई -नीलामी के द्वारा दिए जाएंगे। इसलिए सिफऱ् रजिस्टर्ड कंपनियाँ, पार्टनशर््िाप, सहकारी कमेटियों, इकलौते मालकियत, व्यक्ति और तीन व्यक्तियों तक का ग्रुप योग्य मापदंडों की पूर्ति के अनुसार ही यह खानों प्राप्त कर सकेंगे। 31 मार्च को ख़त्म होने वाले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान बोलीकारों की वार्षिक औसतन टर्नओवर, उसके द्वारा जिस माइनिंग ब्लॉक की बोली दी जानी है, की आरक्षित कीमत से 50 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए। ग्रुप के मामलों में सभी सदस्यों की संयुक्त तकनीकी और वित्तीय सामथ्र्य को पात्रता के लिए योग्यता के तौर पर स्वीकृत किया जायेगा ।
प्रवक्ता के अनुसार बोलीकार यह अंडरटेकिंग देगा कि वह सभी खानों पर साइट मैनेजर, जे.ई. स्तर के अधिकारी (सिविल /मकैनिकल /इलैक्ट्रिकल ब्रांचों में डिप्लोमा प्राथमिकता के आधार पर) और सॉफ्टवेयर पेशेवर की हाजऱी यकीनी बनाऐगा। बोलीकार यह अंडरटेकिंग भी देगा कि जिस माइनिंग ब्लाक की वह बोली दे रहा है उसके लिए अपेक्षित मशीनरी को प्राप्त करेगा या अपेक्षित मशीनरी किराये पर प्राप्त करेगा।
नवीं नीति मानक रेत और बजरी मुहैया करावेगी जिसको वार्षिक ठेका मात्रा कहा जायेगा। इसके अनुसार ठेकेदारों को रेत और बजरी की वार्षिक मात्रा निकालने की मंज़ूरी दी जायेगी। हर एक ब्लाक में दिखाई मात्रा सिर्फ संकेतक है और यह ठेकेदार की जि़म्मेदारी होगी कि वह बोली देने से पहले इसका मूल्यांकन अपने स्तर पर करे।
यह रियायत प्राप्त करने वाले की जि़म्मेदारी होगी कि वह उसे अलॉट किये गए ब्लाक में खानों की शिनाख़त करे और ज़मीन मालिकों की सहमति प्राप्त करें। रास्ते जैसे ज़रुरी बुनियादी ढांचों का प्रबंध भी वह आप ही करेगा और खनन का काम शुरू करने से पहले सारी क्लीयरेंस प्राप्त करेगा। रियायत प्राप्त करने वाला नदी के बैड में से खनन शुरू करने से सात दिन पहले चीफ़ इंजीनियर ड्रेनज़ को इस संबंधी बतायेगा जिससे इसके साथ नदी के बहाव पर प्रभाव न पड़े या उसके किनारों को नुक्सान न हो । पर्यावरण और अन्य मंजूरियों के लिए अथॉरटीज़ को समयबद्ध सीमा में कार्य करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। हैडक्वाटर पर तैनात एग्जैक्टिव इंजीनियर इस संबंधी नोडल अथॉरटी होगा ।
प्रवक्ता के अनुसार रेत और बजरी की कीमतों पर काबू रखने के लिए इसकी बिक्री सीमा निर्धारित की गई है। ठेकेदारों द्वारा खनन स्थानों पर रेत और बजरी 9 रुपए प्रति फुट से ज़्यादा कीमत पर नहीं बेची जायेगी। इसमें गाड़ी का लोडिंग ख़र्च भी शामिल है। रेत और बजरी की ढुलाई के लिए दूरी के अनुसार अधिक से अधिक प्रति फुट दी जाने वाली कीमत निर्धारित की जायेगी। उपभोक्ता से रेत और बजरी के लिए जाने वाली अधिक से अधिक कीमत उपरोक्त दर्शाई गई दोनों दरों की कुल रकम से अधिक नहीं होगी। ठेकेदार केवल उन ट्रांसपोटरों के द्वारा ही रेत और बजरी बेचेगा जो नोटीफायी या उससे कम कीमत पर ढुलाई करने के लिए सहमत होंगे। इन दर्शाई गई संशोधनों का उल्लंघन करने की सूरत में ठेका रद्द करते हुए ज़मानत की रकम ज़ब्त कर ली जायेगी ।
प्रवक्ता के अनुसार हरेक ब्लाक के ठेकेदार के लिए यह ज़रूरी होगा कि वह रेत की दरें विभाग द्वारा जारी किये न्यू पोर्टल पर दर्शाए। ऑनलाइन आर्डर की जानकारी, खान में उपलब्ध रेत की मात्रा भी पोर्टल पर उपलब्ध होगी। डिविजऩल माइनिंग आफिस या सब -डिविजऩल माइनिंग आफिस के द्वारा ऑनलाईन आर्डर बुक्क किये जा सकेंगे जिसके लिए बुकिंग आर्डर के लिए मोबाइल एप जल्द जारी किया जायेगा। रेत की ढुलाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सभी गाड़ीयाँ सैंड पोर्टल पर रजिस्टर्ड होंगी और हरेक खान पर इलैक्ट्रॉनिकस काँटा लगा होगा जो सैंट्रल सर्वर के साथ जुड़ा होगा।
नीति के अनुसार कोई भी गाड़ी उच्चतम वेमैंट स्लिप से बिना रेत नहीं ले जा सकती अगर वह ऐसा करती पकड़ी गई तो उसके विरुद्ध एक्ट और रूलों के अनुसार कार्यवाही होगी। ऐसी गाड़ी को जी.पी.एस. /आर.एफ.आई.डी. टैगज़ के साथ ट्रैक किया जा सकेगा ।
प्रवक्ता अनुसार जिन खानों की इस समय पर बोली हुई है, वह अपना समय मुकम्मल होने तक लगातार काम करती रहेंगी। इसके बाद इनकी नयी नीति के अनुसार बोली होगी ।
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