चंडीगढ़। शहरी विकास को योजनाबद्ध तरीकों के यकीनी बनाने के लिए पंजाब केबीनेट ने इमारत निर्माण संबंधी नये नियमों को हरी झंडी दे दी। इन नियमों को कैबिनेट ने पहले ही स्वीकृति दे दी है। यह नियम म्यूनिसिपल हदों से बाहर लागू होंगे। आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने खुलासा किया कि इन नियमों संबंधी जल्दी नोटिफिकेशन जारी होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बाजवा ने कहा कि आवास निर्माण संबंधी यह नये नियम लागू होने से शहरी विकास और इमारत निर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा, जो राज्य में वित्तीय विकास के लिए मददगार साबित होगा। इन नियमों की मुख्य विशेषताओं का जि़क्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब डिवैलपर ग्रुप हाउसिंग, कमर्शियल, सार्वजनिक कार्यालय, होटल और औद्योगिक इमारतों के लिए बिना हद से एफ.ए.आर. खऱीद सकेंगे। इसके अलावा रिहायशी प्लाटों, शिक्षा संस्थाओं की इमारतों, किराए के मकानों /होस्टल, ढाबों, मिनीपलैकस और मल्टीप्लेक्स, थोक कारोबार /वेयरहाऊस /एकीकृत गोदामों और ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों में व्यापारिक प्रयोग के लिए एफ.ए.आर. का घेरा 0.20 प्रतिशत से 1 प्रतिशत तक बढ़ा सकेंगे।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि परचून सेवा उद्योग के मामलो में ग्राउंड कवरेज में पाँच प्रतिशत तक की अतिरिक्त छूट दी जायेगी और औद्योगिक इमारत के लिए ग्राउंड कवरेज 40 प्रतिशत से बढ़ा कर 45 प्रतिशत कर दी गई है। इसके अलावा अनाथ आश्रम, वृद्ध आश्रम, विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों और व्यक्तियों के स्कूलों/संस्थाओं के लिए नई प्रस्ताव पेश किए गए है। यूनिवर्सिटियाँ, अनाथ आश्रम, वृद्ध आश्रम, विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों और व्यक्तियों के स्कूल /संस्था के लिए पार्किंग नियमों में भी छूट दी गई है। विशेष ज़रूरतों वाले व्यक्तियों की देखभाल करने वाले केंद्र या स्कूल की इमारत का नक्शा पास करवाने के लिए कोई नजऱसानी फीस नहीं लिए जायेगी। वृद्ध आश्रम के लिए पाँच प्रतिशत अतिरिक्त फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) मुफ़्त होगा और ग्रीन बिल्डििंग सर्टिफिकेट जमा करवाने पर इमारत नजऱसानी फीस से 100 प्रतिशत छूट होगी।
बाजवा ने आगे बताया कि रिहायशी, शिक्षा, सरकारी, अस्पताल, औद्योगिक इमारतों और ग्रुप हाउसिंग कम्पलैकसों में बिजली पैदा करने के लिए छतों पर सौर्य ऊर्जा सैल लाने के प्रस्ताव को लाजि़मी किया गया है। हर तरह की इमारत में कुल क्वरड एरिया का 15 प्रतिशत स्टाफ या वर्करों के रहने के लिए रखने की इजाज़त होगी और बड़े कैंपसों /यूनिवर्सिटियों /आईआईटी /आईआईएम में कुल कवरड क्षेत्र का 30 प्रतिशत ज़रूरी स्टाफ के लिए रहने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इन इमारती नियमों में नये राष्ट्रीय बिल्डिंग कोड -2016 को शामिल किया गया है।
जि़क्रयोग्य है कि पंजाबी शहरी विकास अथॉरटी इमारती नियम वर्ष 1996 में लागू हुए थे, जिनको संशोधित करके 2013 में फिर नोटीफायी किया गया। इन नियमों में समय समय पर संशोधन होता रहा है। भारत के नगर और ग्राम योजनाकार (टीसीपीओआई) ने वर्ष 2016 में मॉडल बिल्डिंग उप-नियम तैयार किये थे और राष्ट्रीय बिल्डिंग कोड 2016 भी वर्ष 2016 में प्रकाशित हुआ था। टीसीपीओआई ने सभी राज्यों को यह नियम अपनाने और लागू करने की अपील की थी। अलग अलग जत्थेबंदियों ने पंजाब सरकार को भी इमारती नियमों में संशोधन करने के लिए कहा था और म्यूंनिसिपल हदों से बाहर की इमारतों के मालिकों को पेश समस्याओं से अवगत करवाया था। नये इमारती नियम बनाते हुए सह विभागों और आम लोगों से राय भी ली गई और नियमों का मसौदा भी जनतक निगरानी के लिए रखा गया। इस संबंधी आए प्रमाणक विचारों को ध्यान में रखा गया और नियमों में शामिल किया गया।
इमारती नियमों को सरल बनाने के मंतव्य के साथ पंजाब सरकार ने पंजाब शहरी विकास अथॉरटी बिल्डिंग नियम 2013 में संशोधन करके नये इमारती नियम तैयार किये हैं, जिनका नाम पंजाब शहरी योजनाबंदी और विकास इमारती नियम -2018 रखा गया है।
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