नई दिल्ली । दिल्ली की हवा दूषित होने के मद्देनजर गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से बुलाई गई बैठक में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के पर्यावरण मंत्री नदारद रहे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने खासतौर से पंजाब और हरियाणा में पराली-दहन और हवा की गुणवत्ता के मसले पर विचार-विमर्श के लिए दिल्ली और इसके पड़ोसी राज्यों के मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक में शामिल हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि बैठक को गंभीरता से लेनी चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बैठक में पड़ोसी राज्यों के मंत्रियों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया।
हालांकि, हर्षवर्धन ने मीडिया से बातचीत में कहा, "इस मसले पर कोई राजनीति न करें। हमने पंजाब और हरियाणा के मंत्रियों से बातचीत की और उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को यहां भेजा।"
उन्होंने कहा कि पराली-दहन में पिछले साल से 30 फीसदी की कमी आई है और केंद्र सरकार ने किसानों की मदद के लिए पहले ही फंड जारी किया है।
हर्षवर्धन ने कहा, "लेकिन पराली दहन में 30 फीसदी की कमी पर्याप्त नहीं है।"
पंजाब और हरियाणा में पराली-दहन के कारण दिल्ली और आसपड़ोस के इलाके में वायु-प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।
दिल्ली में गुरुवार को वायु की गुणवत्ता 'लगभग गंभीर' के स्तर पर पाई गई। उत्तर प्रदेश के नोएडा और हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी वायु की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर थी।
हर्षवर्धन ने कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से स्थिति की निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली सरकार और अन्य एजेंसियों की पर्यावरण पर नजर बनी हुई है।
उन्होंने कहा, "अगले पांच दिनों तक ज्यादा सक्रियता के साथ निगरानी की जाएगी। दिवाली का समय हमेशा काफी अहम होता है क्योंकि पराली-दहन, स्थानीय प्रदूषकों और मौसमी दशाओं के कारण कई चीजें ऐसी होती हैं जिनसे प्रदूषण बढ़ता है।"
--आईएएनएस
छत्तीसगढ़ के कांकेर में मुठभेड़ में 18 नक्सली ढे़र, बड़ी मात्रा में हथियार भी बरामद
तेजस्वी यादव ने पूछे सवाल, पीएम मोदी के मंच पर सीएम नीतीश कुमार क्यों नहीं गए ?
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने ओपीएस के नाम पर फैलाया था राजस्थान में भ्रम - निर्मला सीतारमण
Daily Horoscope