चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में शामिल लखिवंदर सिंह लक्खा को जिला अदालत से नियमित जमानत मिल गई है। उसे दो-दो लाख रुपए के मुचलके पर छोड़ा गया है। इस मामले में बहन सुखिवंदर कौर की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उन सभी को नियमित जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। जिन्होंने उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है। लेकिन, उनकी स्थायी रिहाई के संबंध में फैसला अभी तक नहीं लिया गया है। इस मामले में जेल अधीक्षक और गृह सचिव ने कोर्ट में पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया था। इसके बाद कोर्ट द्वारा यह आदेश जारी किया गया। मामले में जब तक सक्षम अधिकारियों द्वारा उनकी स्थायी रिहाई पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता तब तक वह नियमित जमानत पर रहेंगे।
लखिवंदर सिंह लक्खा को जमानत मिलने के बाद कौमी इंसाफ मोर्चा की ओर से सेक्टर 27 प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर राज्य के लोगों और मीडिया के प्रति आभार व्यक्त किया गया। मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहाकि यह कौमी इंसाफ मोर्चा की जीत है।
इस दौरान मोर्चा की ओर से वकील दिलशेर सिंह जंडियाला ने लखिवंदर की नियमति जमानत के मुद्दे पर कहाकि लक्खा को 14 साल की कैद के बाद रिहा किया जाना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जबकि लक्खा की समय से पहले रिहाई का मामला गृह मंत्रालय के पास लंबे समय से लंबित पड़ा था। इस कारण उन्हें नियमित जमानत पर रिहा किया गया।
उन्होंने कहा कि अन्य सिख राजनीतिक बंदियों के मामले में भी इसे आधार बनाया जाएगा। मोर्चे की ओर से कहा गया कि कहा कि जब तक सभी सिख राजनीतिक कैदियों को रिहा नहीं किया जाता और अन्य मांगों पर विचार नहीं किया जाता तब तक मोर्चा जारी रहेगा। प्रेस वार्ता के दौरान जगतार सिंह हवारा के धर्म पिता गुरचरण सिंह ने पिछले सप्ताह अमृतसर में हुए बम लास्ट की निंदा की। उन्होंने आगे मांग की कि बम धमाकों के पीछे के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
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