चंडीगढ़। पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह केस को देखते हुए शांति भंग की आशंका में गिरफ़्तार किए गए 177 व्यक्तियों को रिहा करने की तैयारी में है। इनमें वे लोग हैं जिनकी थोड़ी बहुत भी भूमिका थी या धार्मिक भावनाओं में बहकर अमृतपाल सिंह की तरफ खिंचे गए थे। इसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने निर्देश दिए थे कि किसी निर्दोष व्यक्ति को नाजायज परेशान न किया जाए। इधऱ, राज्य में इन्टरनेट बंद होने के मद्देनज़र पंजाब में होने वाली परीक्षाओं के फार्म अप्लाई करने की आखिरी तारीख़ बढ़ाने का फ़ैसला किया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आईजी सुखचैन सिंह गिल ने गुरूवार को यहां प्रेस कान्फ़्रेंस में बताया कि राज्य में शान्ति भंग करने की आशंका में कुल 207 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया है। इनमें से 30 कथित आपराधिक गतिविधियों में दोषी पाए गए हैं। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि अमृत छकने और नशा छुड़ाने में शामिल लोगों को बिल्कुल भी परेशान नहीं किया जाएगा। पुलिस टीमें गिरफ़्तार किए गए सभी व्यक्तियों की बारीकी से जांच कर रही है। जल्दी ही उनको रिहा कर दिया जाएगा।
आईजी ने कहाकि पुलिस ने अमृतपाल सिंह के पारिवारिक सदस्यों को भी कोई असुविधा नहीं होने दी। हरियाणा पुलिस के साथ सांझे आपरेशन के दौरान बलजीत कौर नाम की एक महिला को 19 मार्च को कुरूक्षेत्र में अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह को घर में पनाह देने के दोष में गिरफ़्तार किया है। वहीं खन्ना पुलिस ने अमृतपाल का एक और नज़दीकी साथी तजिन्दर सिंह गिल उर्फ गोरखा बाबा (42) निवासी गाँव मांगेवाल को भी काबू किया है। उसके पास से आनन्दपुर खालसा फ़ौज (एकेऐफ) के होलोग्राम और हथियारों की ट्रेनिंग की वीडियोज समेत कुछ आपराधिक सामग्री भी बरामद की है।
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