चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने 9.50 लाख किसानों और उनके परिवारों को साल 2020-21 के लिए ‘आयूष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना’ के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमे का लाभ देने के लिए हरी झंडी दे दी है, जबकि बीते वर्ष पाँच लाख किसानों को इस स्कीम में शामिल किया गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य सरकार द्वारा यह स्कीम 20 अगस्त, 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिन पर शुरू की गई थी और साल 2019-20 के दौरान 45 लाख परिवारों को इस योजना के दायरे के अधीन लाया गया, जो ख़ासकर कोविड संकट के दौरान पंजाब के लोगों के लिए बहुत सहायक सिद्ध हुई। राज्य सरकार ने ‘आयूष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना’ के अंतर्गत सूचीबद्ध किए गए अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए दरें भी तय की गईं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत लाभपात्री दिल के ऑपरेशन, कैंसर के इलाज, जोड़ बदलवाने और एक्सीडेंट के मामलों जैसे बड़े ऑपरेशनों के इलाज समेत 1396 बीमारियों के लिए 546 सूचीबद्ध अस्पतालों और 208 सरकारी अस्पतालों में पाँच लाख रुपए तक का इलाज करवा सकते हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना के पहले साल के दौरान पाँच लाख किसान इस योजना के दायरे के अधीन आए थे, जिनको मंडी बोर्ड द्वारा साल 2015 में जारी किए गए ‘जे’ फॉर्मों के आधार पर योग्य पाया गया था। साल 2020-21 के दौरान 8.70 लाख ‘जे’ फॉर्म होल्डर किसानों और 80,000 गन्ना उत्पादकों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलेगा। मंडी बोर्ड द्वारा 1 जनवरी, 2020 को और उसके बाद 8.70 लाख किसानों को उनकी कृषि उपज बेचने के लिए ‘जे’ फॉर्म होल्डरों के तौर पर रजिस्टर्ड किया गया है और इसी तरह 1 नवंबर, 2019 से 31 मार्च, 2020 के पिड़ाई सीजन के दौरान गन्ने की फ़सल बेचने वाले 80,000 गन्ना उत्पादक हैं, जो इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा इनको स्कीम में शामिल करने के साथ सभी 9.50 लाख किसान और उनके परिवार 20 अगस्त, 2020 से योजना का लाभ लेने के हकदार बन जाएंगे।
मंडी बोर्ड द्वारा किसानों के बीमे का समूचा प्रीमियम अदा किया जाएगा, जिनको साल भर के लिए पाँच लाख रुपए का नगदी रहित इलाज मुहैया होगा। ‘जे’ फॉर्म और ‘गन्ना तोल पर्ची’ वाले सभी योग्य किसानों को 24 जुलाई तक घोषणा पत्र ज़रुरी दस्तावेज़ों समेत सम्बन्धित मार्केट कमेटी कार्यालय या आढ़तिए के पास जमा करवाने होंगे।
मुख्यमंत्री ने पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह को बिना किसी दिक्कत के इस सुविधा का लाभ लेने को यकीनी बनाने में किसानों की सहायता करने के लिए मार्केट कमेटियों को ज़रूरी हिदायतें जारी करने के लिए कहा है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास अनिरुद्ध तिवाड़ी ने बताया कि मंडी बोर्ड ने योग्य किसानों से आवेदनों की माँग की है, जिससे हरेक किसान को इसका लाभ मुहैया करवाना यकीनी बनाया जा सके। इच्छुक किसानों द्वारा स्वै-घोषणा पत्र वाला फॉर्म सम्बन्धित मार्केट कमेटी कार्यालय या आढ़तिया फर्म से प्राप्त किया जा सकता है या फिर पंजाब मंडी बोर्ड की वैबसाईट www.mandiboard.nic.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है। मंडी बोर्ड द्वारा किसानों से आवेदन प्राप्त होने के बाद विशेष तौर पर बनाए गए पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा, जिसके बाद योग्य किसानों को ‘स्वास्थ्य बीमा कार्ड’ जारी हो जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस नगदी रहित स्कीम के साथ सभी बीमारियाँ जिनमें 24 घंटे से अधिक समय के लिए अस्पताल में दाखि़ल होने की ज़रूरत होती है या दिन के समय देखभाल के साथ इलाज संबंधी योजना के अधीन सूचीबद्ध हैं, का इलाज होगा।
तिवाड़ी ने आगे बताया कि इस बीमा योजना के अंतर्गत किसान परिवार में घर के प्रमुख के अलावा पति / पत्नी, माता / पिता, अविवाहित बच्चे, तलाकशुदा बेटी और उसके नाबालिग बच्चे, विधवा बहु और उसके नाबालिग बच्चे लाभ के हकदार माने जाएंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आगे बताया कि इस सम्बन्धी कोई भी अन्य जानकारी हासिल करने के लिए टोल फ्री नंबर 104 पर संपर्क किया जा सकता है।
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