अमृतसर। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के किये अपने वादे को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को चविंडा कलां में पीने के लिए साफ नहरी पानी मुहैया करवाने, सिवरेज प्रणाली और पानी टैस्ट लैबोरेटरी बनाने के लिए 197.69 करोड़ रुपए के चार प्रोजेक्टों की आज अमृतसर जिले में शुरुआत की। उन्होंने इस मौके पर लोपोके सब तहसील को अपग्रेड करके तहसील का दर्जा देने और चौगावां में नया डिग्री कॉलेज खोलने का ऐलान भी किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पंजाब के पानी की स्थिति को बेहद खतरनाक बताते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों को भावी पीढ़ीयों के लिए पानी बचाने और संभालने का न्योता देते हुए कहा कि जब यह एसवाईएल का काम शुरू हुआ तो उस समय पंजाब के पास 17 एम ए एफ पानी था, जो कि 30 सालों में 13 एम ए एफ रह गया है। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाऊस गैसों के प्रभाव, ग्लेशियरों के पिघलने और भूजल के गहरे होने से स्थिति ख़तरनाक हो गई है। उन्होंने बताया कि भाखड़ा के निर्माण के समय राज्य में केवल 50 हज़ार ट्यूबवैल लगने का अनुमान लगाया गया था, जबकि इस समय राज्य में 14 लाख ट्यूबवैल धरती से पानी खींच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अस राज्य के लोगों को साफ -सुथरा पीने वाला पानी, जो कि नहरी पानी को साफ करके दिया जायेगा के लिए विभिन्न वित्तीय संस्थाओं, जिसमें विश्व बैंक, नाबार्ड, भारत सरकार आदि शामिल हैं, से मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नहरी पानी को साफ़ करके चार ब्लॉकों के 112 गांव, जिसमें करीब डेढ़ लाख लोग रहते हैं, तक पहुँचाने पहुंचाने के लिए 154.15 करोड़ रुपए की लागत वाले प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखा। उन्होंने बताया कि विश्व बैंक की वित्तीय और तकनीकी सहायता से बनने वाले इस प्रोजैक्ट के टैंडर जारी किये जा चुके हैं।
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