इस नीति में निश्चित प्रतियोगी दरों, विस्तृत अनुसूची दरों
(एस.ओ.आर) के दिशा निर्देश शामल किये गए हैं । आठ किलोमीटर से 52 किलोमीटर
तक प्रति मीट्रिक टन की दर से दरों की सूची दिखाई गई है । 52 किलोमीटर के
बाद हरेक अतिरिक्त किलोमीटर के लिए दरें 3.10 रुपए प्रति टन की दर से लागू
होंगी । एस.ओ.आर. में दर्शाई दरों के 120 प्रतिशत के बाद कोई भी प्रीमियम
नहीं होगा । टैंडरों को खोलने, तकनीकी बोलियों का मुल्यांकन करने और
वित्तीय बोलियों को अंतिम रूप देने की शक्ति कमेटी के पास होगी।
टैंडर
प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि अनाज की ढुलाई
पर कम से कम खर्च को यकीनी बनाने के लिए कलस्टरवार टैंडर मांगे जाएंगे।
गौरतलब है कि पनग्रेन, मार्कफैड, पंजाब राज्य गोदाम निगम
(पी.एस.डब्ल्यू.सी.), पनसप जैसी प्रांतीय खरीद एजेंसियाँ भारतीय खाद्यनिगम
(एफ.सी.आई.) के साथ मिलकर हर साल केंद्रीय अनाज भंडार या सार्वजनिक वितरण
प्रणाली के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज
की खरीद करती हैं।
खरीद से सम्बन्धित सेवा, कार्य को रद्द करने,
पैनल्टी और ब्लैकलिस्टिंग सम्बन्धित विस्तृत जानकारी को इस साल नीति का
हिस्सा बनाया गया है । जि़ला टैंडर कमेटी को अधिकार दिए गए हैं कि वह दो
साल के समय तक अधूरे ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने के अलावा सिक्योरिटी को
ज़ब्त कर सकती है और यह कमेटी ठेके की कीमत का 2 प्रतिशत तक जुर्माना लगा
सकती है । यह हरेक केस की श्रेष्ठता पर निर्भर करेगा।
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