पहले इनके
नाम आरोपितों में शामिल नहीं थे। जस्टिस रणजीत सिंह आयोग ने 26 जुलाई को
सरकार को अपनी पहली रिपोर्ट सौंप दी थी।
घटना को लेकर 21 अक्टूबर, 2015 को फरीदकोट के थाने बाजाखाना
में धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या के प्रयास) सहित कई धाराओं में एफआइआर
दर्ज की गई थी। घटना में घायल अजीत सिंह के बयानों के आधार पर आयोग की
सिफारिश पर सात अगस्त को भी एक मामला दर्ज किया गया है। चरणजीत सिंह शर्मा
को सरकार ने घटना के कुछ दिनों बाद विरोध के चलते रिटायर कर दिया था। बीते
दिनों कैबिनेट की बैठक में सरकार ने इस घटना की जांच सीबीआइ से करवाने का
फैसला लिया है। ये भी पढ़ें - इस लडकी का हर कोई हुआ दीवाना, जानें...
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