चंडीगढ़ । फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों द्वारा आहूत बंद का सोमवार को पंजाब में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं खुली हैं।
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बंद में निजी बस ट्रांसपोर्टरों के अलावा वंदे भारत और शताब्दी सहित 200 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं। बंद का आह्वान किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के समर्थन में किया गया, जो किसानों की मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर एक महीने से अधिक समय से भूख हड़ताल पर हैं।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सोमवार को पंजाब बंद को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने बातचीत के दौरान पंजाब बंद से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इस बार हमारा आंदोलन जरूर सफल होगा और सरकार को हमारी मांगों पर विचार करना होगा। सरकार हमारी मांगों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है।
उन्होंने कहा, “आंदोलन का उद्देश्य कई मुद्दों को लेकर है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण एमएसपी लीगल खरीद की गारंटी का कानून है। इसके साथ ही आदिवासियों की संविधान की पांचवीं अनुसूची और नरेगा के 200 दिन के काम और 700 रुपये की दिहाड़ी जैसे मुद्दे भी उठाए गए हैं। यह आंदोलन सिर्फ किसानों के हितों से संबंधित नहीं है, बल्कि इसमें ऑनलाइन व्यापार, दुकानदारों का नुकसान, शिक्षा के निजीकरण और चिकित्सा के निजीकरण जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “कुल मिलाकर यह आंदोलन पूरे पंजाब के तीन करोड़ पंजाबी लोगों का है, जो अपने हक के लिए एकजुट हो रहे हैं। आंदोलन के दौरान देखा गया है कि जब पंजाबी एक साथ खड़े होते हैं, तो वे अपनी आवाज को प्रभावी ढंग से उठाते हैं। उदाहरण के लिए, पराली पर 100 रुपये का जुर्माना लगाने की नीति का विरोध भी देखा गया था।”
किसान नेता ने कहा, “आंदोलन में पंजाब सरकार से यह अपील की जा रही है कि वह पुलिस का दुरुपयोग न करें और किसानों के पक्ष में खड़ी हो। आंदोलनकारियों का कहना है कि अगर सरकार इस बार भी पंजाब के लोगों के साथ गलत व्यवहार करती है, तो उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा, “इस आंदोलन का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह पूरे देश के किसानों और मजदूरों का आंदोलन है। जब तक सभी लोग एकजुट होकर इस नीति का विरोध नहीं करेंगे, यह आसान नहीं होगा। इसलिए पंजाब के लोग मोदी सरकार पर दबाव बना रहे हैं। पंजाब सरकार से यह उम्मीद की जा रही है कि वह पंजाबियों के साथ खड़ी होगी।”
--आईएएनएस
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