चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को अपने सेना के दिनों को याद करते हुए भारतीय डाक के माध्यम से ड्यूटी के वक्त चिट्ठियां प्राप्त करने के दिनों को याद किया, जिसमें वे अक्सर रो पड़ते थे या हंस दिया करते थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारतीय डाक की सेवाओं के लिए मुख्यमंत्री ने उसका शुक्रिया अदा किया। बुधवार को राष्ट्रीय डाक दिवस (नेशनल पोस्ट डे) था।
77 वर्षीय सिंह ने ट्वीट किया, "सेना में होते हुए घरवालों की चिट्ठी मिल जाने के बाद जो खुशी महसूस होती है, उससे बड़ा कोई एहसास हो ही नहीं सकता। सेना में ड्यूटी के दौरान यह चिट्ठियां अक्सर रुला और हंसा दिया करती थी।"
सेना में अपनी एक पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर को साझा करते हुए उन्होंने कहा, "मैं भारतीय डाक को देश के प्रति उनकी सेवाओं के लिए सलाम करता हूं और उन यादों के लिए भी शुक्रिया अदा करता हूं।"
तत्कालीन पटियाला शाही परिवार से संबंध रखने वाले दो बार के मुख्यमंत्री रहे अमरिंदर पूर्व में सैनिक रह चुके हैं। सिंह 1963 से 1969 तक सिख रेजीमेंट की दूसरी बटालियन में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उनके करीबी सेना के अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि हालांकि, परिवार की जिम्मेदारियों के चलते उन्हें जल्द ही सेना को छोड़ना पड़ा। बहुत कम समय तक वे सेना में अपनी सेवाएं दे पाए। लेकिन 1965 में हुई भारत- पाकिस्तान की जंग के चलते उनका सेना के लिए प्रेम उन्हें वापस लेकर आया।
उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल महाराजा यादविंदर सिंह ने 1935 में रेजीमेंट में सेवाएं दी। वे 1938 से 1950 तक 2/11 रॉयल सिख और इसके अलावा 1950 से 1971 तक 2 सिख के कर्नल रहे।
--आईएएनएस
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