चंडीगढ़। पंजाब सरकार की ओर से शुरू किये मिशन ‘तंदुरुस्त पंजाब’ को आगे ले जाते हुए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने प्रदूषण को कंट्रोल करने की दिशा में अहम पहलकदमी की है, जिसके अंतर्गत अब दाना मंडियों में फसलों की सफ़ाई के समय धूल उड़ती नहीं दिखाई देगी। बोर्ड ने ऐसी मशीनों का आविष्कार किया हैं, जो फ़सल को साफ़ करते समय उड़ती धूल को समेट लेती हैं। इन मशीनों के साथ अब मंडियों के अंदर और नज़दीक के पर्यावरण को साफ़-सुथरा रखने में मदद मिलेगी।
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इससे पहले पंजाब की दाना मंडियों में जब फ़सल की आवक होती थी तो फसल को साफ़ करते समय काफ़ी धूल उड़ती थी। यह धूल जहाँ प्रदूषण में विस्तार करती थी, वहीं मज़दूरों, किसानों, आड़तियों और मंडियों नज़दीक रहते लोगों में साँस, एलर्जी या फेफड़ों की कई बीमारियाँ फैलने का कारण भी बनती थी। अब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने ऐसी मशीन आविष्कर की है, जो फ़सल को साफ़ करते समय पर धूल नहीं उडऩे देती।
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने बताया कि बोर्ड ने पंजाब की 10 बड़ी मंडियों में से हवा के नमूने लिए थे, जिनमें आर.पी.एम. (रैसेपेरिटरी पारटीकुलेट मैटर) 100 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब की तज़वीज़शुदा हद से 5 से 8 गुणा अधिक पाया गया। उन्होंने कहा कि यह धूल प्रदूषण एक बड़ा ख़तरा है, जिस को रोकने की तत्काल ज़रूरत थी। बोर्ड ने इस बाबत किसानों, दुकानदारों और अन्य सम्बन्धित पक्षों के साथ चर्चा करने के बाद में धूल एकत्रित करने वाली मशीन तैयार की है, जिसको मैकेनिकल ग्रेन क्लीनर्स पर लगाया जाता है, इसके साथ धूल कणों पर 80 से 90 प्रतिशत तक काबू पाया जा सकता है।
जि़क्रयोग्य है कि पंजाब की दाना मंडियों में 50 हज़ार मैकेनिकल ग्रेन क्लीनर्स हैं और एक मशीन पर छह मजदूर अनाज की सफ़ाई करते हैं। इस तरह किसानों, आड़तियोंं, दुकानदारों और मंडियों के नज़दीक रहते लोगों के अलावा तीन लाख मज़दूर धूल प्रदूषण से प्रभावित होते हैं। मैकेनिकल ग्रेन क्लीनर्स पर धूल एकत्रित करने वाली मशीनों लगने के साथ 90 प्रतिशत धूल इसमें एकत्रित हो जायेगी, जिससे पर्यावरण को साफ़ सुथरा रखने में मदद मिलेगी। इस मशीन की एशिया की सबसे बड़ी दाना मंडी खन्ना में आज़माइश की गई थी, जो कामयाब रही है। बोर्ड अब सभी दाना मंडियों में मैकेनिकल ग्रेन क्लीनर्स पर इस मशीन को लाजि़मी करने की दिशा में कदम उठा रहा है।
पर्यावरण मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने यह मशीन का आविष्कर करने पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को बधाई दी है। उन्होंने बोर्ड से अपील की कि वह आगे से भी ऐसी कोशिशें जारी रखें जिससे ‘तंदरुस्त मिशन’ को और कामयाब करने में मदद मिले।
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