चंडीगढ़। विभिन्न माहिरों ने शनिवार को ‘अंडरस्टैंडिंग द मैसेज ऑफ बालाकोट’ विषय पर मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल-2019 के दौरान हुए विशेष समिनार के दौरान गंभीर विचार-चर्चा की। एयर चीफ़ मार्शल (सेवामुक्त) बीएस धनोआ, स्कूएडर्न लीडर (सेवामुक्त) समीर जोशी, रक्षा माहिर प्रवीन साहनी और क्रिस्टीन फेयर ने इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे। एयर चीफ़ मार्शल धनोआ, स्कूएडर्न लीडर समीर जोशी और रक्षा माहिर प्रवीन साहनी ने कहा कि देश के पिछले 47 सालों के युद्ध इतिहास में अपनी तरह का पहला ग़ैर-सेना बचाव कार्रवाई थी। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना के पायलटों को पूरी तरह से शिक्षित किया गया था जिससे आतंकवादी ठिकानों को तबाह करने के इस ऑपरेशन में किसी तरह की कोई कमी न रह जाए। उन्होंने कहा कि बालाकोट एक्शन का संदेश साफ़ और स्पष्ट था कि आतंकवादियों को पनाह या प्रशिक्षण देने की किसी भी भारत विरोधी कार्रवाई के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन सब कुछ ख़त्म करने या तबाह करने के लिए नहीं बल्कि कब्ज़े वाले कश्मीर में बने आतंकवादी प्रशिक्षण कैंपों और पनाहगाहों को तबाह करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने ‘स्पाईस 2000 स्ट्राईक’ बालाकोट में की और आमने-सामने की लड़ाई में भी अपनी महारत दिखाई। उन्होंने कहा कि एक मुल्क के तौर पर पाकिस्तान ने यह साबित कर दिया कि वह तथ्यों को तोड़ -मरोड़ कर पेश करने में माहिर है परन्तु भारत ने यह जवाब दिया कि वह जहां भी जाएंगे, भारतीय वायु सेना उनको मुंह तोड़ जवाब देगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अपने संबोधन में रक्षा माहिर क्रिस्टीन फेयर ने इस कार्रवाई के निष्कर्षों को और भी संजीदगी के साथ जांचने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। इस मौके पर सेवामुक्त एयर मार्शल केके नोहवार ने सेशन के संचालक के तौर पर शिरकत की।
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