चण्डीगढ़ । पंजाब की प्राथमिक खेती सहकारी सभाओं के कारोबार में विस्तार करने और इनको और मज़बूत करने के लिए राज्य सरकार इन सभाओं को ‘सहकारी ग्रामीण स्टोरों’ में तब्दील करने के लिए रूपरेखा तैयार कर रही है जहां से रोज़मर्रा के आम प्रयोग में आने वाले आवश्यक सामान सहित इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं आदि रियायती दरों पर किसानों को मिल सकेंगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सहकारी सभाओं की वित्तीय स्थिति सुधारने के के लिए यहां अतिरिक्त मुख्य सचिव सहकारिता डी.पी.रेड्डी की अध्यक्षता में एक वर्कशाप हुई । जिसमें कुलजीत सिंह नागरा विधायक फतेहगढ़ साहिब सहित गगनदीप सिंह बराड़ विशेष सचिव सहकारिता, अरविंदर सिंह बैंस रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं , पंजाब, इन्द्र मोहन सिंह अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं के अलावा सहकारी बैंक और सहकारी सभाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस अवसर पर डी.पी.रेड्डी ने कृषि सहकारी सभाओं की वित्तिय स्थिति सुधारने के लिए व्यापारिक गतिविधियां बढ़ाने और सदस्य किसानों को सस्ते और बढिय़ा सेवाएं उनके घरों के नज़दीक देने के लिए ग्रामीण स्टोर खोलने पर ज़ोर दिया जहां रोज़मर्रा काम आने वाले ज़रूरी सामान और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं आदि सस्ती कीमतों पर मुहैया करवाई जाएं। उन्होंने बताया कि इस समय राज्य की कुल 3,537 सहकारी सभाओं में से लगभग 30 प्रतिशत सभाएं घाटे में हैं और इनमें ग्रामीण स्टोर खुलने से ये सभाएं घाटे से बाहर आ सकेंगी।
वित्तीय कमिश्नर सहकारिता ने बैठक के दौरान विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए कि सहकारी सभाओं का कारोबार बढ़ाने और इनको और मज़बूती प्रदान करने के लिए प्रस्तावित ग्रामीण स्टोरों में तबदील करने संबंधी एक ‘रोड मेप’ 15 दिनों के भीतर तैयार किया जाये जिससे ऐसे स्टोरों को नये वित्तीय वर्ष से व्यवहारिक रूप दिया जा सके। उन्होंने कहा कि ये स्टोर चरणबद्ध ढंग से चालू किये जाएं और चल रही सभाओं में पड़े मौजूदा कृषि यंत्रों के अलावा अन्य आधुनिक कृषि यंत्र भी खरीदने की छूट दी जाये जिससे इन सभाओं का लाभ बढ़ सके और किसान महंगे कृषि यंत्र खरीदने से परहेज करते हुए किरायो के यंत्रों से किफायती कृषि कर सकें।
इसके अलावा उन सभाओं को रोटावेटर, पैडी स्ट्रॉ चौपर और श्रैडर (धान की कटाई के लिए मशीन), हैपी सीडर, मल्चर, बेलर आदि खरीदने के लिए भी कहा जिससे किसानों को ऐसे महंगे कृषि यंत्र किराये पर मुहैया करवाकर उनकी मदद की जा सके क्योंकि प्रत्येक किसान द्वारा अलग तौर पर ऐसे महंगे यंत्र खऱीदे नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग की इस प्रयास से जहां सहकारी सभाओं को बहुत लाभ होगा वहीं किसानों को पराली संभालने में मदद की जा सकेगी और साथ ही पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से भी वातावरण को बचाया जा सकेगा और आम लोगों का जीवन भी आसान होगा। रेड्डी ने बताया कि जल्द ही विभाग द्वारा एक मोबाइल एप्लीकेशन लांच की जायेगी जिसपर राज्य के किसानों का डाटा अपलोड करके उनको कृषि के लिए फसलों के अवशेष को संभालने के लिए आवश्यक महंगे यंत्रों को आम किराये पर लेने संबंधी सुविधा मुहैया करवाई जायेगी।
इस अवसर पर डा. एस.के. बातिश एम.डी. पंजाब राज्य सहकारी बैंक लि. चंडीगढ़ ने विस्तार सहित एक कम्प्यूटरीकृत व्याख्या पेश की जिसमें उन्होंने राज्य की सभाओं में चल रहे कार्य, सभाओं की वित्तीय स्थिति और सभाओं को मज़बूत करने की आवश्यकता संबंधी बताया।
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