चंडीगढ़। एच एस लक्की अध्यक्ष चंडीगढ़ कांग्रेस की अध्यक्षता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और एआईसीसी कोषाध्यक्ष की उपस्थिति में नगर निगम चंडीगढ़ के कांग्रेस पार्षदों की रविवार को बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि कांग्रेस पार्टी डडूमाजरा में प्रस्तावित गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना का समर्थन नहीं करेगी। क्योंकि यह डडूमाजरा और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों के हितों के लिए हानिकारक है।
स्टडी टूर से लौटने के बाद हुई बैठक में कांग्रेस पार्षदों ने गोवा प्लांट पर अपने सुझाव और जानकारी दी। उनका मानना था कि गोवा प्लांट की अपनी खूबियां और खामियां हैं। लेकिन, इसकी तुलना चंडीगढ़ में प्रस्तावित प्लांट से नहीं की जा सकती। गोवा में प्लांट आवासीय क्षेत्र से बहुत दूर है। डड्डूमाजरा में प्लांट लगाने का प्रस्ताव डड्डूमाजरा और आसपास के निवासियों के साथ अन्याय होगा। प्लांट को कहीं और स्थानांतरित किया जाना चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लक्की ने कहाकि डड्डूमाजरा और आसपास के इलाकों के निवासी कई वर्षों से पीड़ित हैं। अब सत्तारूढ़ दल जिसने 9 वर्षों में उनके लिए कुछ नहीं किया, वह सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने की जल्दी में है।
उन्होंने सुझाव दिया कि अधिकारियों को पंजाब या हरियाणा के नजदीकी राज्यों में 50 एकड़ बंजर भूमि खरीदने का विचार करना चाहिए जो 20 लाख प्रति एकड़ पर उपलब्ध हो सकती है। इसकी लागत लगभग 10 करोड़ हो सकती है। फिर वहां प्लांट स्थापित करना चाहिए। करीब 15 एकड़ का उपयोग प्लांट की स्थापना के लिए किया जा सकता है। बाकी का उपयोग इसके चारों ओर वन क्षेत्र विकसित करने के लिए किया जा सकता है।
दूसरे, गोवा प्लांट वेस्ट से ऊर्जा (बिजली) प्लांट है। जबकि चंडीगढ़ में प्रस्तावित प्लांट सीएनजी है, जो अप्रचलित तकनीक है और हमें वेस्ट से ऊर्जा (बिजली) तकनीक अपनानी चाहिए।
तीसरा, यह भी महसूस किया गया कि अधिकारियों को ऐसी कंपनियों का पता लगाना चाहिए जो नगर निगम के साथ राजस्व साझा कर सकें। क्योंकि वर्तमान आरएफपी के अनुसार नगर निगम को टिपिंग शुल्क का भुगतान करने के अलावा लगभग 80 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा जो नगर निगम पर एक बड़ा बोझ होगा।
लक्की ने कहा कि पार्टी चंडीगढ़ में गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन निश्चित रूप से स्थान, तकनीक और वित्तीय व्यवहार्यता के खिलाफ है।
कांग्रेस चंडीगढ़ प्रशासक से अपील करेगी कि वह जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें जो प्रतिकूल साबित हो। आने वाली पीढ़ियों के हितों को नुकसान पहुंचा सकता हो।
पार्टी भाजपा और आप से भी अनुरोध करती है कि वे इस मुद्दे पर राजनीति न करें और अपने अच्छे संबंधो का उपयोग करके पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में जमीन और आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने में मदद करें। क्योंकि भाजपा की हरियाणा में सरकार है और आप की पंजाब में। दोनों राज्य सरकारें चंडीगढ़ में हिस्सेदारी का दावा करती रही हैं। यहां उनके कार्यालय और आवास हैं। ऐसे में उन्हें आगे आकर इसमें मदद करनी चाहिए।
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