चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को डिप्टी कमिश्नरों और एस.एस.पीज़ को कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करने के लिए कहा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के द्वारा डिप्टी कमिश्नरों और जि़ला पुलिस प्रमुखों के साथ मीटिंग के दौरान कोविड-19 के फैलाव को रोकने सम्बन्धी तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने उनको हिदायत की कि इन हालातों से निपटने में कोई कसर बाकी न छोड़ी जाये और पूरी लगन और वचनबद्धता के साथ काम किया जाये।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वह डिप्टी कमिश्नरों को घरों में एकांत में रखे जा रहे पीड़ितों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी करें जिससे इस बीमारी को और फैलने से रोका जा सके। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को साफ़-सफ़ाई के पक्ष से अस्पतालों में इस वायरस से निपटने सम्बन्धी तैयारियों के साथ-साथ मरीज़ों को अलग रखने वाली सुविधाओं और आइसोलेशन वार्डों की जांच करने पर ज़ोर दिया जो इस संकट की घड़ी में बहुत ज़रूरी है। उन्होंने सिविल सर्जन को मास्कों और पीपीई-किटों का उपयुक्त भंडार यकीनी बनाने के लिए हिदायत करने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी लोगों को बचाव उपायों और संभावित देखभाल संबंधी जागरूक करने के लिए मीडिया द्वारा चलाई जा रही मुहिमों को और तेज़ किया जाना चाहिए। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इस मंतव्य के लिए शिक्षा संस्थाओं, सरकारी कर्मचारियों, पुलिस कर्मचारियों और ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मचारियों के लिए करवाए जा रहे प्रशिक्षण सेशनों की भी प्रशंसा की। उन्होंने समूचे स्वास्थ्य स्टाफ द्वारा अब तक किये गए महान कार्य की प्रशंसा की और उनको कोविड-19 के विरुद्ध शुरु की गई जंग में सफलता हासिल करने तक अपनी ड्यूटी इसी तनदेही से निभाने के लिए कहा।
इस वायरस को रोकने की लड़ाई को लम्बी जंग बताते हुए मुख्यमंत्री ने समूचे रूप में कोविड-19 की रोकथाम के लिए उचित प्रणाली विकसित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। मुख्यमंत्री ने पिछले एक महीने के दौरान राज्य में आए सभी यात्रियों की जांच करने के लिए उनकी खोज के लिए प्रोटोकोल की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति फऱार न हो सके। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह अपने आस-पड़ोस में पिछले दो हफ़्तों के दौरान विदेशों से लौटे व्यक्तियों की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ने लोगों को भीड़ वाले स्थानों पर न जाने सम्बन्धी अपनी सरकार की एडवाइजऱी को दोहराया है। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को यह भी यकीनी बनाने के लिए कहा कि लोग सिर्फ स्वास्थ्य सम्बन्धी एमरजैंसी होने पर या राशन और दवाएं खरीदने के लिए ही बाहर जाएं। लोगों को सलाह दी जानी चाहिए कि वह डॉक्टरों के पास अपने रोज़ाना के चैकअप के लिए न जाएँ और 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को भी बिल्कुल बाहर नहीं जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को मुख्य सचिव के नेतृत्व वाले संकट निपटारा ग्रुप (सी.एम.जी.) में अपनी सभी ज़रूरतों को दर्शाने के लिए कहा, जिसकी मीटिंग हर रोज़ प्रात:काल 11 बजे और शाम 5 बजे होती है।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को यह भी कहा कि वह पीड़ितों को अलग रखने के प्रोटोकोल को सख्ती से लागू करने को यकीनी बनाएं और किसी भी उल्लंघन करने की स्थिति में, आइपीसी की धारा 188 के अंतर्गत उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध केस दर्ज किया जाना लाजि़मी है। इसके साथ ही, उन्होंने जि़ला सिविल और पुलिस प्रशासन को कहा कि वह लोगों में डर पैदा होने की स्थिति में, लोगों में विश्वास पैदा करें। उन्होंने जि़ला अधिकारियों को जल्द से जल्द घर-घर जाकर निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए।
मीटिंग में अन्यों के अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, निवेश पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव अनुराग अग्रवाल, आम प्रशासन के प्रमुख सचिव आलोक शेखर, डीजीपी दिनकर गुप्ता और एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ईश्वर चंद्र शामिल थे।
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