चंडीगढ़। जल
सप्लाई और सेनिटेशन विभाग, पंजाब के अथक यत्नों स्वरूप 540 करोड़ रुपए के 5
प्रोजेक्टों को भारत सरकार के राष्ट्रीय सब मिशन आन वाटर क्वालटी और विश्व
बैंक द्वारा मंज़ूरी दी गई है जिस द्वारा आर्सेनिक, आयरन और फ्लोराइड से
प्रभावित गांवों को सुरक्षित पीने योग्य पानी की सप्लाई की जायेगी। इसके
अलावा पंजाब सरकार द्वारा अन्य प्रभावित जिलों में भू -जल और अन्य पीने
योग्य पानी के स्रोतों में मौजूद ज़हरीले तत्वों को हटाने के लिए विशेष
प्लांट और पानी जांचने का प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं।जल
सप्लाई और सेनिटेशन विभाग की मंत्री रजिया सुल्ताना ने बताया कि
इन पांच प्रोजेक्टों को भारत सरकार की राष्ट्रीय सब मिशन आन वाटर क्वालटी
और विश्व बैंक द्वारा मंज़ूरी दी जा चुकी है और इसके निर्माण का काम नंवबर
2018 से शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने संतुष्टि प्रकट करते हुये कहा कि
प्रोजैक्ट मुकम्मल होने उपरांत आर्सेनिक और फलोराइड प्रभावित जिला फतेहगढ़
साहिब, पटियाला, अमृतसर और गुरदासपुर के 563 गाँवों को साफ़ पीने योग्य
पानी की स्पलाई की जा सकेगी। सुल्ताना ने आगे बताया कि
नेशनल बोर्ड आफ एक्रेडिशिन आफ लैब्ज़ द्वारा मोहाली और पटियाला में दो वाटर
टेस्टिंग लैबोटरीज़ को प्रमाणित किया गया है और जल्द ही भारी धातुयों और
अन्य तत्वों के विश्लेषण के लिए सुविधाएं भरपूर एक आधुनिक तकनीकी
प्रयोगशाला अमृतसर में भी स्थापित की जा रही है।उन्होंने कहा कि
मालवे के प्रभावित इलाकों समेत राज्य के अन्य गाँवों में साफ़ पीने योग्य
पानी की सप्लाई के लिए लगभग 2364 आर.ओ. प्लांट लगा दिए गए हैं, इसके अलावा
74 प्लांट लगाने का काम चल रहा है और अगले वित्तीय वर्ष 2018 -19 में 153
ओैर आर.ओ. प्लांट प्रभावित इलाकों में लगाए जाएंगे।इन ज़हरीले
तत्वों को हटाक र साफ़ पानी मुहैया करवाने वाले प्लांटों की महत्ता संबंधी
बताते हुये रजिया सुल्ताना ने कहा कि भूजल और ज़मीन के पानी के
स्रोतों में आर्सेनिक, आयरन और फ्लोराइड को सबसे अधिक ख़तरनाक पदार्थ माना
जाता है और इन विशेष आधुनिक प्लांटों के प्रयोग से पीने वाले पानी से जहरले
तत्वों को हटाना आसान होगा। उन्होंने आगे कहा कि यह प्लांट पानी में से
फ्लोराइड, आर्सेनिक और लोहे को निकालने में पूरी तरह समर्थ हैं जो मानव और
अन्य जीवों के लिए बहुत ज़हरीले हैं, इसलिए तंदरुस्त और सेहतमंद जीवन के
लिए पानी को साफ़ करना बहुत ज़रूरी है।राज्य में सफलतापूर्वक चल
रहे प्लांटों संबंधीे विवरण देते हुये जल सप्लाई मंत्री ने कहा कि आयरन और
आर्सेनिक हटाने के लिए 3 प्लांट, पायलट प्रोजैकट के आधार पर लगाए गए हैं।
इस प्रौद्यौगिकी के सफल परीक्षण के उपरांत अमृतसर और गुरदासपुर जिले के 102
गाँवों के लिए लगभग 70 आर्सेनिक हटाने वाले प्लांटों की स्थापना की जा रही
है।मंत्री ने आगे कहा कि रूपनगर जिले के नूरपुर बेदी ब्लाक के
45 गाँवों और मोगा जिले के 85 गाँवों को कवर करने के लिए दो और जल सप्लाई
की स्कीमों पर निरंतर काम चल रहा है। जिसका निर्माण क्रमवार अगस्त 2018 और
अगस्त 2019 से शुरू किया जायेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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