चंडीगढ़। बाल मजदूरी आधुनिक समाज के माथे पर एक कलंक है। यह बात आज यहां सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर ने कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आज यहां महात्मा गांधी राज्य स्तरीय लोक प्रशासन संस्थान, सैक्टर-26, चंडीगढ़ में विकास विभाग द्वारा आज निजी संस्था बचपन बचाओ आंदोलन(बी.बी.ए) के सहयोग से बाल मजदूरी को खत्म करने और इन बच्चों के पुनर्वास पर एक दिवसीय वर्कशाप का आयोजन किया गया।
इस वर्कशाप को संबोधित करते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार बाल मजदूरी, जबरन मजदूरी और तस्करी को खत्म करने के लिए वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष बाल मजदूरी के खिलाफ कार्रवाई महीना 1 जून से 30 जून, 2023 तक मनाया जाएगा। इस वर्कशाप का उद्देश्य विभिन्न विभागों के भागीदारों को सांझे रूप में काम करने के लिए तैयार करना है ताकि छापों के दौरान उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों को स्पष्ट हो और बच्चों को बचाया जा सके।
डा.बलजीत कौर ने सभी हिस्सेदारकों से अपील की कि वह सक्रिय रूप से न्याय की पैरवी करने, शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से बाल श्रम में शामिल सभी बच्चों को मुख्यधारा में लाना सुनिश्चित करे।
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की डायरैक्टर माधवी कटारिया ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्कशाप का उद्देश्य बाल मजदूरी कर रहे बच्चों को मुक्त करवाने के लिए छापेमारी करने और उनके पुनर्वास के लिए सरकार की तरफ से किए जाते प्रयासो संबंधी सभी भागीदारों को अवगत करवाना था। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के बाल मजदूरी रोकने के दिशा-निर्देशों और निर्णयों की पालन करने को कहा।
इस अवसर पर जिला सैशन जज-कम-सदस्य एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनजिंदर सिंह ने अपने अनुभव सांझा किए। इस वर्कशाप में श्रम विभाग, पुलिस व शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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