चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वास्थय एवं परिवार
कल्याण मंत्री ब्रह्म महिंद्रा के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब -कमेटी को पकोका
(पंजाब कंट्रोल आफ ऑरगेनाईजड क्राइम एक्ट) बारे कानून का मसौदा जल्दी
तैयार करने के लिए कहा है जिससे राज्य में संगठित अपराध और गैंगस्टरों के
विरूद्ध सख्ती से निपटा जा सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बताया कि
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश गत दिवस अमन -कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक के
दौरान दिए। उन्होंने बताया कि पकोका कानून इस माह के आखिर में लाया जा
सकता है।
प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस प्रमुख सुरेश
अरोड़ा राज्य में संगठित अपराध और गैंग्स्टरों के साथ निपटने के लिए पुलिस
को अधिक शक्तियां देने का मुद्दा उठाने के बाद मुख्यमंत्री ने यह निर्देश
जारी किए हैं। मीटिंग के दौरान डी.जी.पी. ने बताया कि आपराधिक गिरोहोंं और
गुंडा तत्वों से कठोरता से निपटने के लिए पुलिस के हाथ और मज़बूत किये जाने
की ज़रूरत है जिसके लिए पकोका जैसा कानून अमल में लाना अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर सहमति प्रकट की कि राज्य में गड़बडी़ पैदा
करने और कानून को अपने हाथ लेने की कोशिशों को रोकने के लिए गैंगस्टरों के
भीतर कानून का भय पैदा करना ज़रूरी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि
प्रस्तावित कानून यह यकीनी बनाएगा कि ऐसे गैंग्स्टरों के साथ सख्ती से
निपटने के लिए पुलिस की राह में कोई रुकावट न बने।
प्रवक्ता ने बताया कि चाहे कि प्रस्तावित कानून पुलिस को राज्य में सक्रिय
गैंगस्टरों और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए ज़रूरत के मुताबिक कोई भी
कार्यवाही करने के लिए अधिक शक्तियां देगा परन्तु इस कानून का दुरुपयोग
रोकने के लिए निगरानी भी रखी जायेगी।
प्रवक्ता के
मुताबिक मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि गैंगस्टरों के खतरे से निपटने के
लिए पुलिस के हाथ मज़बूत करने ज़रूरी हैं क्योंकि जो अकाली -भाजपा सरकार के
दौरान इन गैंगस्टरों को अपनी मनमर्जियां करने के लिए खुली छूट दी हुई थीं।
प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पकोका का दुरुपयोग
या कानून के नाम पर मानवीय अधिकारों का हनन न होने को यकीनी बनाएगी।
कांग्रेस सरकार द्वारा इस वर्ष मार्च महीने में राज्य की सत्ता
संभालने के बाद राज्य में सक्रिय संगठित गुंडा गिरोहों और हाल ही में जेल
तोडऩे और कैदियों में हिंसा की हुई घटनाओं के मद्देनजर पकोका को लागू करने
के प्रस्ताव पर पुन: विचारा किया जा रहा है।
इस
प्रस्तावित कानून का उद्देश्य डी.आई.जी. रैंक या इससे ऊपर रैंक के पुलिस
अधिकारियों को ऐसे अपराधों से निपटने के लिए पकोका का प्रयोग करने के योग्य
बनाना है परन्तु इसके लिए इन अधिकारियों को आई.पी.सी. के स्थान पर पकोका
लाने के कारणों का विस्तृत विवरण देना होगा। इसके साथ ही यह भी प्रस्तावित
किया गया है कि नए कानून की प्रस्तावित व्यवस्थाएं को मनमर्जी से कोई
कार्यवाही करने से रोकनो के लिए यकीनी बनाया जाना चाहिए। इस नए कानून के
अंतर्गत गवाह की सुरक्षा और कैमरे की निगरानी में कार्यवाहियों की यकीनी
बनाने के लिए सख्त अंदरूनी नियंत्रण भी रखा जायेगा।
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