चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि विभाग के अफसरों को मानसा, बठिंडा, मुक्तसर साहिब और फाजिल्का के प्रत्येक गांव में चिट्टी मक्खी से खराब हुई कपास की फसल वाले खेत अपनाने को कहा। चिट्टीमक्खी से नरमे की फसल को बचाने
के लिए सीएम ने नकली कीटनाशक बेचने वालों पर सख्ती के आदेश अफसरों को दिए हैं। यहां उच्च स्तरीय मीटिंग में
सीएम ने शुक्रवार को कृषि विभाग के अफसरों को ये आदेश दिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मीटिंग में सीएम ने स्पष्ट किया है कि जाली और घटिया किस्म के कीटनाशकों की
बिक्री के मामले पर किसी भी तरह की ढील सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने इस
तरह के कीटनाशकों की सप्लाई करने वाले डीलरों के विरुद्ध अफसरों को कठोर
कार्यवाही करने के आदेश दिए।
कैप्टन ने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए 1000 खेतों को नमूने के तौर पर अपनाया जाएगा। इन खेतों में सफेद मक्खी से कपास को बचाने के लिए हाई टैक्नॉलाजी के अलावा सही कीटनाशकों के प्रयोग पर जोर दिया जाएगा। इन खेतों में कृषि विकास अधिकारी और फील्ड स्टाफ किसानों को ट्रेनिंग के अलावा कीटनाशकों और खादों के सही प्रयोग बारे जानकारी देंगे। मीटिंग में बताया गया कि नरमे की काश्त अधीन 3.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में से 18.1 हजार हेक्टेयर रकबे में चिट्टी मक्खी के कारण नरमा प्रभावित हुआ है।
बठिंडा जिले में 140000 हेक्टेयर में केवल 3.6 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है मानसा में 86010 हेक्टेयर में से 10.2 हजार हेक्टेयर, मुक्तसर में 64608 हेक्टेयर नरमे के रकबे में 1.60 हजार हेक्टेयर में फसल प्रभावित हुई है। फाजिल्का में 74655 हेक्टेयर क्षेत्रफल में केवल 2 प्रतिशत और बरनाला में 5460 हेक्टेयर क्षेत्रफल में से 0.7 प्रतिशत हेक्टेयर रकबा प्रभावित है। संगरूर, फरीदकोट और मोगा में चिट्टी मक्खी से कोई नुकसान नहीं हुआ है।
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