चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और कांग्रेसी संसद सदस्यों ने बुधवार को हुई मीटिंग के दौरान पाकिस्तान द्वारा सरहद पार से दूर तक मार करने वाले हथियारों की तस्करी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोनों को रोकने के लिए पुख्ता उपकरण स्थापित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह मुद्दा मुख्यमंत्री द्वारा राज्यसभा और लोकसभा से कांग्रेसी संसद सदस्यों के साथ बुलाई गई मीटिंग के दौरान विचार के लिए आगे रखा गया। मुख्यमंत्री ने जम्मू और कश्मीर में दबाव बढऩे के मद्देनजर पंजाब की सरहदों पर आईएसआई की बढ़ रही गतिविधियों पर चिंता ज़ाहिर की।
कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि उनकी तरफ से केंद्र के समक्ष यह मुद्दा पहले ही उठाया गया था और इसके बाद अगस्त, 2019 में भी उन्होंने इस संबंधी गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था, जब पहली बार ऐसे ड्रोनों के प्रयोग का मामला सामने आया था।
उन्होंने भारत-पाक सरहद से ड्रोनों के ज़रिये हथियारों जैसे कि दूर तक मार करने वाले हथियारों की खेप की तस्करी पर गंभीर चिंता ज़ाहिर की थी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय करार दिया था। उन्होंने अपने पत्र में जि़क्र किया था कि ड्रोनों के द्वारा हथियारों, विस्फोटकों और नशों समेत ग़ैर-कानूनी माल को सुरक्षित पहुंचाया जा सकता है।
बुधवार को मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने अपेक्षित तकनीक/ढांचा विकसित /स्थापित करने जैसे रडार जो कम उड़ान भरने वाले हवाई यंत्रों जैसे यूएवी और ड्रोनों की हलचल का पता लगा सकते हैं, लाने के लिए रणनीतियां तैयार करने की ज़रूरत को दोहराया है।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देते हुए कहा कि ऐसे ड्रोनों के प्रयोग के विरुद्ध उचित जवाबी कार्रवाई की ज़रूरत है। मीटिंग में संसद सदस्यों के अलावा पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ और राज्य सरकार के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।
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