चंडीगड़। पंजाब मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक अहम फ़ैसला लेते हुए पंजाब वित्तीय जि़म्मेदारी एवं बजट प्रबंधन एक्ट, 2003 को लागू करने पर मोहर लगाई, जिसका वित्तीय उद्देश्य निर्धारित समय पर विशेष वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस संबंधी में प्रवक्ता ने बताया कि यह एक्ट भारतीय रिज़र्व बैंक की तरफ से जारी एक मॉडल ड्राफ्ट बिल के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें समय -समय पर ज़रूरी संशोधन किए गए हैं। 14वें वित्त कमीशन की सिफारशों के अनुसार हर एक राज्य के लिए अपना वित्तीय जि़म्मेदारी एवं बजट प्रबंधन एक्ट बनाना ज़रूरी है, जिससे निश्चित वित्तीय लक्ष्य प्राप्त किए जा सकें।
उन्होंने बताया कि इस एक्ट को लागू करने के लिए नियम बनाने ज़रूरी हैं, क्योंकि राज्य सरकार की तरफ से एशियन डवलपमेंट बैंक के साथ समझौता किया गया है, जिसके अधीन राज्य सरकार को 200 मिलियन डॉलर (लगभग 1200 करोड़ रुपए) का कर्ज प्राप्त होगा। किश्तों सम्बन्धी ज़रूरी शर्तेंं पूरी करने पर पहली किश्त के तौर पर 50 मिलियन डॉलर (337.06 करोड़ रुपए) राज्य सरकार को पहले ही प्राप्त हो चुके हैं और 100 मिलियन डॉलर की तीसरी किश्त प्राप्त करने के लिए वित्तीय जि़म्मेदारी एवं बजट प्रबंधन नियम बनाने लाजि़मी हैं।
एक अन्य फ़ैसले के अनुसार मंत्रिमंडल ने वक्फ़ एक्ट, 1995 (केंद्रीय एक्ट 43, 1995) के अंतर्गत वक्फ़ नियम, 2018 बनाने को परवानगी दी। उक्त एक्ट की धारा 109 की उप धारा (1) अनुसार राज्य सरकार को इस एक्ट के नियम बनाने और नोटीफाई करके सरकारी गज़ट में शामिल करने के लिए अधिकारित किया गया है।
आपको बता देें कि ऑकाफ़ के साथ सम्बन्धित मामलों और प्रशासन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए लोकसभा की तरफ से वक्फ़ एक्ट, 1995 बनाया गया था। इसी दौरान मंत्रिमंडल ने भूमि एवं जल संरक्षण विभाग तथा सहकारिता विभाग की क्रमवार साल 2014 -15 और साल 2015 -16 की प्रशासनिक रिपोर्टों पर भी मोहर लगाई।
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