चंडीगढ़। नेशनल शेड्यूल्ड कास्ट्स अलायंस (एनएससीए) ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति के लोगों का विश्वास खो दिया है और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के इस्तीफे की मांग की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एनएससीए के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून पर उच्चतम न्यायालय के 20 मार्च के फैसले के बाद उच्चतम न्यायालय में हो रही सुनवाई को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह सरकार अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकती। कैंथ के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में हाल में हत्याओं, विभिन्न जगहों पर कानून एवं व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और दलितों के खिलाफ बढ़ती असहिष्णुता के कारण दलितों के अधिकार सुरक्षित करने की सरकार की क्षमता में विश्वास में गिरावट आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के 20 मार्च के फैसले के बाद देश भर में दलितों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का इस मुद्दे पर रवैया ढीला है और केंद्रीय विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद से इस्तीफे की मांग की। एनएससीए के अध्यक्ष ने कहा कि वह अन्य समविचारी संगठनों के साथ मिलकर शीघ्र ही केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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