चंडीगढ़। सरहदी राज्य पंजाब और जम्मू कश्मीर ने 2793 करोड़ रुपए की लागत वाले शाहपुर कंडी डैम प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार दोनों राज्यों की सरकारें यह प्रोजेक्ट 3 साल में मुकम्मल करने के लिए सहमत हुई हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा लगातार कोशिशों के नतीजे के तौर पर यह समझौता संभव हुआ है। पंजाब के मुख्यमंत्री पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार के समक्ष यह मुद्दा जोर शोर से उठा रहे थे। उन्होंने हाल ही केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ मीटिंग के दौरान इस प्रोजेक्ट से संबंधित सभी मुद्दों को उठाया था।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के निर्देशों पर पंजाब का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल जिसमें जल संसाधन मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, प्रमुख सचिव जल संसाधन जसपाल सिंह ने जम्मू कश्मीर सरकार के उच्च अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया और इस महत्तपूर्ण समझौते को सहीबद्ध किया। इस समझौते पर पंजाब के मुख्य सचिव करन अवतार सिंह और बी वी आर सुब्रह्मन्यम ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यापाल मलिक की हाजिरी में राजभवन में हस्ताक्षर किए।
शाहपुर कंडी डैम एक अंतरराजीय प्रोजेक्ट है। इसे भारत सरकार ने फरवरी 2008 में एक राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के तौर पर मंजूदी दी थी। इसकी लागत 2285.81 करोड़ रुपए थी, जिसमें 653.97 करोड़ रुपए सिंचाई कामों के लिए थे। चाहे इस प्रोजेक्ट का काम 2013 में शुरू हो गया था, परंतु जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा कुछ नुक्ते उठाने के कारण यह काम 2014 में रुक गया था।
इसी दौरान पंजाब सरकार ने इस प्रोजेक्ट की संशोधित अनुमानित लागत 2793.54 करोड़ रुपए पेश की और यह प्रोजेक्ट पी.एम.के.एस के. वाई. /ए.आई.बी.पी प्रोजेक्टों की प्राथमिक सूची में शामिल करने की भारत सरकार को विनती की। प्रवक्ता के अनुसार यह प्रोजेक्ट लागू होने से रणजीत सागर डैम प्रोजेक्ट पावर स्टेशन बढ़ते रूप में ‘पीकिंग प्रोजेक्ट’ के तौर पर कार्य करने लगेगा। इसके अलावा इसकी बिजली पैदा करने की क्षमता 206 मेगावाट होगी और इससे पंजाब और जम्मू-कश्मीर में 37173 हैक्टेयर सी.सी.ए सिंचाई हो सकेगी। इससे देश पंजाब के साथ हुए सिंधु जल समझौते के अनुसार रावी के पूरे पानी का प्रयोग करने के समर्थ हो जाएगा। इससे सिर्फ देश को बिजली और सिंचाई के रूप में सालाना 850 करोड़ रुपए का फायदा ही नहीं होगा, बल्कि इससे पाकिस्तान को रावी का फिजूल जा रहा पानी भी रोका जा सकेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस ऐतिहासिक समझौते को संपूर्ण करने के लिए जल संसाधन मंत्री और उनकी टीम को बधाई दी है। कैप
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