• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

केंद्र ने जय जवान- जय किसान के नारे में किसान को भुलाया - कैप्टन अमरिंदर सिंह

Center forgets farmer in slogan of Jai Jawan - Jai Kisan - Punjab-Chandigarh News in Hindi

चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज विभिन्न किसान जत्थेबंदियों को किसान और संघीय ढांचे के विरोधी ऑर्डीनैंसों और बिजली संशोधन एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के खि़लाफ़ केंद्र सरकार के प्रति रोश का सख्त संदेश देने का न्योता दिया है। मुख्यमंत्री के इस न्योते पर किसान जत्थेबंदियों के बड़े नेताओं ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके भारत सरकार को फिर गौर करके इनको वापिस लेने की अपील की है।
मुख्यमंत्री की तरफ से वीडियो काँफ्रेंसिंग के द्वारा बुलायी मीटिंग में हिस्सा लेते हुये यूनियन नेताओं ने कहा कि हाल ही में जारी किये आर्डीनैंस और बिजली एक्ट -2003 में प्रस्तावित संशोधन पूरी तरह किसान विरोधी प्रतीत होते हैं। मीटिंग के अंत में सर्वसम्मति सेपास किये प्रस्ताव में किसान नेताओं ने कहा, ‘यह आर्डीनैंस और प्रस्तावित संशोधन मुल्क के संघीय ढांचे पर सीधा हमला हैं जिस कारण इनको वापिस लिया जाना चाहिए।’
इससे पहले पंजाब और किसानी हितों की सुरक्षा की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘हम सभी को अपने राजनैतिक विभिन्नताओं के बावजूद एकजुट होना चाहिए।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और यहाँ के किसानों के हितों की रक्षा के लिए वह कोई भी कदम उठाने के लिए तैयार हैं और सतुलज यमुना लिंक नहर के पानी के वितरण के मसले के मौके पर भी उन्होंने इस तरह ही किया था।
केंद्र सरकार की तरफ से किसानों और सैनिकों के योगदान की अहमीयत को घटाने की सख्त आलोचना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में केंद्र ने ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे में से किसान को भुला दिया है और यह नारे पंजाब के किसानों की तरफ से भारत को आत्म -निर्भर बनाने के मौके मुल्क भर में गूँजते होते थे। उन्होंने कहा कि अब और राज्य भी अनाज का उत्पादन करने लगे हैं और ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने जहाँ पंजाब के किसानों को दरकिनार कर दिया है, वहीं किसानी हित भी तबाह कर दिए हैं जिनमें बहुती छोटी किसानी है।
केंद्र सरकार पर राज्यों की सभी शक्तियों को हथियाने की की जा रही कोशिशों के दोष लगाते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमें साझे तौर पर आवाज़ बुलंद करके दिल्ली को सख्त संदेश देना चाहिए कि हम ऐसा होने की हरगिज़ इजाज़त नहीं देंगे। हर व्यक्ति चाहे कोई बच्चा हो, केंद्र सरकार के इन मंसूबों को देख सकता है कि कैसे वह पंजाब को तबाह करना चाहता है और यहाँ तक कि किसानों से मुफ़्त बिजली भी वापिस लेने की ताक में है। तेल की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने पहले ही वृद्धि वापिस लेने का प्रस्ताव पास किया है क्योंकि इस वृद्धि से किसानों और आम लोग पर बोझ पड़ा है।
उन्होंने कहा कि इन आर्डीनैंसों के साथ पंजाब मंडी बोर्ड और ग्रामीण विकास बोर्ड को सालाना 3900 करोड़ रुपए के नुकसान के अलावा भारत के अनाज भंडार में आत्म -निर्भरता को तबाह कर देंगे जो राज्य के किसानों ने देश को अपने अकेले कुदरती स्रोत पानी का बड़ा मूल्य लौटा कर दी है।
अकालियों पर दोहरे मापदंड अपनाने का दोष लगाते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह अकालियों के साथ के बिना ही कृषि क्षेत्र को तबाह कर देने वाले केंद्र के संघीय ढांचे के विरोधी इस कदम का किसान यूनियनों को साथ लेकर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खि़लाफ़ साझी लड़ाई लडऩे के लिए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी साथ लेने की कोशिश करेंगे।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह आर्डीनैंसों को अदालत में चुनौती देने की पेशकश की समीक्षा करेंगे। केंद्र सरकार की तरफ से एम.एस.पी. को जारी रखने के मामले पर भरोसा देने पर मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुये कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री की तरफ से इसके ख़त्म न किये जाने के दावे के बावजूद कोई इस पर यकीन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘पंजाब का भविष्य बचाना हमारी जि़म्मेदारी बन गई है।’ उन्होंने केंद्र की तरफ से पंजाब में मंडीकरन व्यवस्था की जांची-परखी व्यवस्था में छेड़छाड़ करने पर भी सवाल किया।
मुख्यमंत्री ने किसानों के नुमायंदों को इस बात का विश्वास दिलाया कि वह राज्य के किसानों को इन किसान विरोधी और राज्य विरोधी आर्डीनैंसों से बचाने के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं। यह भारतीय संघीय ढांचे पर ज़बरदस्त हमला है जो शांता कुमार कमेटी की एफ.सी.आई. को भंग करने की सिफारशों की पृष्टभूमी में से निकला है।
विभिन्न किसान यूनियन नेताओं के सुझाव के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में जरूर विचारेंगे।
इससे पहले सुनील जाखड़ ने कहा कि आर्डीनैंसों के रूप में केंद्र सरकार ने देश को आत्म निर्भर के काबिल बनाने वाले पंजाब को सज़ा दी है। एस.वाई.एल. नहर के निर्माण के मुद्दे पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से आगे होकर नेतृत्व करने के मौके को याद करते हुये उन्होंने कहा कि किसान एक बार मुख्यमंत्री की तरफ देख रहे हैं कि वह उनके हितों के लिए आगे होकर लड़ेंगे।
मीटिंग के दौरान किसान यूनियनों ने अकालियों की अपनी राजनैतिक खाहिशों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य के हितों की रक्षा में असफल रहने का हवाला देते हुये शिरोमणि अकाली दल के नेता हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफे की माँग की। उन्होंने महसूस किया कि शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा के राजनैतिक आकाओं, जिनके साथ वह इस मसले पर मिले हुए हैं, के लिए किसानों के हितों की मुकम्मल रूप में बलिदान दे दिया है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य के हितों का ह्रास होने से बचाना है और नतीजे हासिल करने हैं तो सभी राजनैतिक पार्टियों को घटिया राजनीति से ऊपर उठ कर सांझे रूप में लडऩा चाहिए।
सभी यूनियनों ने सर्वसम्मति वाला नज़रिया रखते हुये कहा कि आर्डीनैंसों, जिनके कारण मुश्किलों का सामना कर रहे किसानों की कार्पोरेटों के हाथों लूटपाट का रास्ता खुलेगा, को रोकना चाहिए क्योंकि राज्य व्यापारियों के तरस पर किसानों को नहीं छोड़ सकता। कई प्रतिनिधि इस बात के हक में थे कि इन आर्डीनैंसों के खि़लाफ़ प्रस्ताव पास करने के लिए विधानसभा का विशेष सैशन बुलाया जाये। उन्होंने राज्य के अधिकारों के उल्लंघन के लिए के लिए केंद्र सरकार की सख्त आलोचना भी की।
भारतीय किसान यूनियन (मान ग्रुप) के राष्ट्रीय प्रधान भुपिन्दर सिंह मान ने कहा कि उनकी जत्थेबंदी इन आर्डीनैसों के खि़लाफ़ लड़ाई में पूरी तरह राज्य सरकार के साथ है और कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह किसानों के धरनों में फिर ज़रूर शामिल हों जिस तरह उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर अपने पिछले कार्यकाल के दौरान किया था। इस पर मुख्यमंत्री ने यह कहा, ‘मैं किसी भी समय जाने के लिए तैयार हूँ, परन्तु उन्होंने याद करवाया कि यह लड़ाई केंद्र के खि़लाफ़ है और इसलिए वह सडक़ें बंद करने, रेलें रोकने जैसे सख्त कदम न उठाएं जिससे राज्य के लिए मुश्किलें खड़ी हों।
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी (पिद्दी ग्रुप) के प्रधान सतनाम सिंह पन्नू ने आर्डीनैंसों को व्यापारियों और कारर्पोरेटों के हक वाले करार दिया और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान कि अंतर -राष्ट्रीय स्तर पर उत्पाद सस्ते उपलब्ध हैं, की तरफ इशारा करते हुये कहा कि यह स्पष्ट इशारा है कि भारत सरकार खरीद प्रक्रिया से पीछे हटने का मन बना चुकी है।
भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि आर्डीनैंस एक दिन में नहीं आए और शांता कुमार कमेटी की सिफारशें सुझाव देती हैं कि केंद्र के इरादे शुरू से ही ठीक नहीं थे। उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन बिल भी राज्य के हकों पर काबिज़ होने की तरफ ही साधा हुये हैं।
भाजपा पर स्वामीनाथन कमेटी रिपोर्ट लागू करने के अपने वायदे से पीछे हटने का दोष लगाते हुये भारतीय किसान यूनियन (लक्खोवाल) के जनरल सचिव हरिन्दर सिंह लक्खोवाल ने कहा कि केंद्र के खरीद प्रक्रिया और न्युनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था जारी रखने के वायदे पर भरोसा नहीं किया जा सकता। यह कहते हुये कि मंडी व्यवस्था के बिना किसी नुक्स के किसानों के भले के लिए ही काम किया, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब को बर्बाद कर रही है।
भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के प्रदेश जनरल सचिव जगमोहन सिंह ने आर्डीनैंसों को केंद्र सरकार द्वारा तिहरा कत्ल करार दिया और कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने भी अपने राजनैतिक हितों की पूर्ति के लिए अपने संघीय ढांचे के एजंडे का बलिदान दे दिया है।
अकालियों पर बरसते हुये भारतीय किसान यूनियन (एकता -उगाराहां) के प्रधान जोगिन्द्र सिंह उगाराहां ने कहा कि अकालियों ने कोरर्पोरेट घरानों को सब कुछ बेचने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाया था।
भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के मीत प्रधान मेहर सिंह ने मुख्यमंत्री को आगे रह कर नेतृत्व जारी रखने की अपील की और अपनी संस्था की तरफ से पूरा समर्थन देने का वायदा किया। उन्होंने आर्डीनैंसों के विरोध के लिए एक साझी कमेटी बनाने का सुझाव दिया।
भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के प्रधान सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि इन आर्डीनैंसों का उद्देश्य पंजाब और यहाँ के किसानों को तबाह करना है। उन्होंने बिजली संशोधन बिल के द्वारा राज्य की शक्तियां छीनने और निजी बिजली उत्पादकोंं को लाभ पहुँचाने की कोशिश करने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Center forgets farmer in slogan of Jai Jawan - Jai Kisan
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: punjab news, punjab hindi news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, punjab-chandigarh news, punjab-chandigarh news in hindi, real time punjab-chandigarh city news, real time news, punjab-chandigarh news khas khabar, punjab-chandigarh news in hindi
Khaskhabar Punjab Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

पंजाब से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved