पटियाला। घग्गर नदी का कंट्रोल केंद्रीय जल आयोग (सी.डब्ल्यू.सी.) के पास चले जाने के लिए अकालियों पर दोष लगाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर (Chief Minister Capt Amarinder Singh) सिंह ने कहा कि वह नदी के बाँधों को मज़बूत बनाने के लिए दबाव डालने के लिए केंद्र सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों को मिलेंगे। घग्गर में पड़ी दरार ने संगरूर और पटियाला जिलों में खड़ी फ़सल और अन्य जायदाद को भारी नुक्सान पहुंचाया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
साल 1966 में अकालियों की तरफ से पंजाब का विभाजन कराने के कारण पंजाब की घग्गर नदी सी.डबल्यू.सी के हाथों में चले जाने और इसके किनारों की मज़बूती सम्बन्धी कंट्रोल राज्य के पास से छिन जाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी तरफ से अपने पिछले कार्यकाल के दौरान नदी के बांध को मज़बूत बनाने के कार्यों को भी अकालियों ने अपने कार्यकाल के समय बंद कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कार्यकाल के दौरान उनकी सरकार ने 22 किलोमीटर तक बांध मज़बूत बनाने का काम किया था जबकि इसके बाद अकाली दल -भाजपा सरकार ने यह सारा काम निलंबित कर दिया।
इस मुद्दे को हल करने के लिए हरियाणा को भी साथ देने का न्योता देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब और हरियाणा दोनों में ही घग्गर के बाँधों को मज़बूत किये जाने की ज़रूरत है जिससे बार -बार आती संभावी बाढ़ों और इनसे होने वाले नुक्सानों से बचा जा सके। छह साल पहले पंजाब की तरफ से घग्गर के बाँधों को दुरुस्त करने के लिए सी.डबल्यू.सी. के पास पेश किये प्रस्ताव का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.डबल्यू.सी. ने मार्च, 2019 में सैंट्रल वॉटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन पूने जैसी स्वतंत्र एजेंसी से अपेक्षित अध्ययन करवाने के हुक्म दिए। उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार को यह कहेंगे कि वह मकरोड़ साहिब से करैल (17.5 किलोमीटर) तक प्रोजैक्ट के दूसरे पड़ाव का कार्य पंजाब को करने की आज्ञा देने के लिए तेज़ी से ज़रूरी मंजूरी मुहैया करवाने के लिए सी.डबल्यू.सी. को निर्देश दें।
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