चंडीगढ़। करतारपुर गलियारे के मामले पर हरसिमरत कौर बादल द्वारा लगाऐ गए दोषों की आगे और खिल्ली उड़ाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्पष्ट किया है कि करतारपुर गलियारे के मामले में गेंद पूरी तरह केंद्र के पाले में है और राज्य सरकार ने इस मामले पर 11 दिन पहले गृह मंत्रालय (एम.एच.ए) को पहले ही एक स्मरण पत्र भेज दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख भाईचारे के लिए इस अति महत्वपूर्ण धार्मिक मुद्दे पर हरसिमरत ने बिना कोई जानकारी हासिल किये इधर-उधर की बातें की हैं जिससे वह अपने भ्रम फैलाने वाले बयानों के द्वारा लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
केंद्रीय मंत्री की तीखी आलोचना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब के राजनैतिक दृश्य से ऊपर आने के लिए निराशा में हाथ पैर मार रहे बादलों के संकुचित हितों को आगे बढ़ावा देने के लिए हरसिमरत कौर लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खेलने का घिनौना कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में इस सम्बन्ध में 12 दिसंबर, 2018 को पंजाब के गृह और न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता अधीन मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में रक्षा मंत्रालय, सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ), नेशनल हाईवे अथॉरटी ऑफ इंडिया (एन.एच.ए.आई), ब्यूरो ऑफ इम्मीग्रेशन और अन्य सम्बन्धित विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए और उन्होंने अपने विचार पेश किये। इसके आधार पर करतारपुर साहिब गलियारे के लिए चार विभिन्न विकल्पों का प्रस्ताव दिया गया।
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