चंडीगढ़। पंजाब
में सरकारी ज़मीनों और संपत्तियों की सभ्यक ढंग से देख-रेख करने के लिए
बनाई कैबिनेट सब कमेटी ने राज्य के समस्त सरकारी विभागों /बोर्ड /निगमों और
अन्य सरकारी संस्थानों से अपनी-अपनी सम्बन्धित सरकारी ज़मीनों का रिकार्ड
माँगा है। इसके साथ ही कमेटी की तरफ से जस्टिस एस.एस. सारौंह तथा पूर्व
डी.जी.पी. चंद्र शेखर की सम्मिलन वाले अलग-अलग विभागों के नुमायंदों को
लेकर माहिरों की कमेटी बनाने का फ़ैसला किया है जो सब कमेटी को अपनी माहिर
राय देगी।
यह खुलासा
कमेटी के प्रमुख और स्थानीय निकाय मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने कमेटी
की मीटिंग के उपरांत जारी प्रैस बयान में किया। कमेटी की मीटिंग में
ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा, राजस्व एवं
पुनर्वास मंत्री स. सुखबिन्दर सिंह सरकारी भी उपस्थित हुए। स.सिद्धू ने
कहा कि मीटिंग में हुए खुलासों के मुताबिक अकेले मोहाली जिले में जितनी
सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा है, उसका कुल मूल्य पंजाब पर चढ़े कुल कजऱ्े जो कि
2 लाख 10 हकाार करोड़ है, की अपेक्षा अधिक है। इस तरह यदि पूरे राज्य में
ऐसी ज़मीनों की पहचान करवाई जाये तो पंजाब आर्थिक तौर पर खड़ा हो सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मीटिंग
के दौरान विशेष तौर पर शामिल हुए पूर्व डी.जी.पी. चंद्र शेखर ने खुलासा
किया कि पूरे पंजाब में 5 से 6 लाख एकड़ सरकारी ज़मीनों पर कब्ज़े हुए हैं।
इसी तरह अकेले मोहाली जिले के आंकड़े पेश करते हुए उन्होंने बताया कि
जि़ला प्रशासन मोहाली की तरफ से अधिकारिक तौर पर उपलब्ध करवाए आंकड़ों में
मोहाली जिले के 15 गाँवों में कुल 2585 एकड़ में से 2435 एकड़ ज़मीन पर
कब्ज़े हुए हैं। इनके गाँव अनुसार विवरण देते हुए बताया कि माजरी गाँव में
128 एकड़ में से 90 एकड़, पालमपुर में 20 में से 20 एकड़, कंसाला में 95
में से 95 एकड़, पड़ोल में 318 में से 299 एकड़, सियालबा में 16 में से 16
एकड़, दुलबान खद्दरी में 945 में से 945 एकड़, होशियारपुर में 177 में से
177 एकड़, धकोरा कलां में 84 में से 84 एकड़, धकोरा खुर्द में 15 में से 15
एकड़, चांदपुर में 86 में से 86 एकड़, मुल्लांपुर गरीबदास में 5 में से 5
एकड़, फिऱोज़पुर में 23 में से 23 एकड़, नाडा में 307 में से 307 एकड़,
महमूदपुर में 14 में से 14 एकड़ और भांखरपुर में 352 में से 259 एकड़ पर
कब्ज़ा है। इसी तरह जस्टिस कुलदीप सिंह की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई जिनकी
रिपोर्ट में पूर्व डी.जी.पी. चंद्र शेखर की तरफ से किये खुलासों की भी
पुष्टि हुई है। दो अन्य गाँवों के विवरण देते हुए बताया कि करौड़ा गाँव में
22 हज़ार कनाल और नाडा में 16113 कनाल ज़मीन बर्बाद की जा रही है।
स.
सिद्धू ने कहा कि राज्य में सरकारी ज़मीनों की स्थिति जानने के लिए
कैबिनेट सब कमेटी ने समस्त विभागों /बोर्ड /निगमों और अन्य सरकारी
संस्थानों से अपनी-अपनी सम्बन्धित सरकारी ज़मीनों का रिकार्ड माँगा गया है
और इसके साथ ही यह भी माँगा गया है कि कितनी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा है,
कितनी लिटीगेशन के अधीन है और कितनी ज़मीन खाली पड़ी है। उन्होंने कहा कि
मीटिंग में यह भी ध्यान में आया कि कई विभागों की ज़मीन का रिकॉर्ड राजस्व
विभाग के रिकार्ड के साथ मेल नहीं खा रहा जिसको ठीक करने के लिए कहा गया
है।स. सिद्धू ने कहा कि सरकारी ज़मीनों को कब्जों से मुक्त
करवाने संबंधी जस्टिस सारौंह के नेतृत्व में माहिरों की कमेटी भी बनाने का
फ़ैसला किया गया जो सब कमेटी को अपनी राय देगी। इस कमेटी में पूर्व
डी.जी.पी. चंद्र शेखर, गोवंश सेवा सदन के प्रधान जोगिन्द्र पाल, सभी 10 नगर
निगमों के मेयरों के अलावा राजस्व, जलसंसाधन प्रबंधन, स्थानीय निकाय,
ग्रामीण विकास एवं पंचायत, वन, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सडक़ें), वक्फ़
बोर्ड का भी एक-एक प्रतिनिधि शामिल होगा।
कैबिनेट
सब कमेटी की मीटिंग में राजस्व आयोग पंजाब के चेयरमैन जस्टिस
एस.एस.सारौंह, पूर्व डी.जी.पी. चन्द्र शेखर, अतिरिक्त मुख्य
सचिव-सह-वित्त कमिश्नर राजस्व विन्नी महाजन, प्रमुख सचिव, स्थानीय
निकाय ए वेणूं प्रसाद, प्रमुख सचिव, जलसंसाधन प्रबंधन जसपाल
सिंह, स. सिद्धू के सलाहकार अंगद सिंह सोही भी उपस्थित थे।
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