चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस सरकार आने के बाद अकाली नेताओं और
कार्यकर्ताओं पर दर्ज मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल
और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह आमने-सामने हो गए हैं। बादल ने बादल
ने कैप्टन सरकार पर राजनीतिक विद्वेष से काम करने का आरोप लगाया है। वहीं
कैप्टन ने पलटवार करते हुए बदले की राजनीति को पूर्व बादल सरकार की नीति
करार दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने मंगलवार को
चंडीगढ़ स्थित पार्टी के कार्यालय में कार्यकर्ता दरबार लगाया। इसमें बड़ी
संख्या में कार्यकर्ता अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे। इनमें ज्यादातर शिकायतें
राजनीतिक बदलाखोरी की थीं। अधिकतर मामले जीरा और लुधियाना के थे।
बादल
ने कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि चार माह में 100 से ज्यादा
अकालियों पर राजनीतिक विद्वेष के चलते मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे मामलों
की लिस्टिंग करने के बाद डीजीपी से बात की जाएगी। अगर मामले का हल नहीं
निकला, तो हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने
फिरोजपुर के एसएसपी से भी फोन पर बात की।
उधर, मुख्यमंत्री कैप्टन
अमरिंदर सिंह ने अकाली दल की ओर से चलाई जा रही 'जबर विरोधी लहर' पर कहा कि
कांग्रेस सरकार बदले की नीति के तहत कोई काम नहीं करती। जबर करना तो बादल
सरकार की कार्यप्रणाली थी। उन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल को
चेतावनी भी दी कि वह अधिकारियों को धमकी न दें, नहीं तो सख्ती से निपटा
जाएगा।
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